सुप्रीम कोर्ट ने देश के उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति से जुड़ी कॉलेजियम की सिफारिशों को शीघ्र मंजूरी दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई सिफारिशें अभी भी केंद्र के पास लंबित पड़ी हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
लंबित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने जानकारी दी कि देशभर के उच्च न्यायालयों में कुल 7,24,192 आपराधिक अपीलें लंबित हैं, जिसमें अकेले इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2.7 लाख मामले लंबित हैं।
जजों की नियुक्ति पर आंकड़े
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि नवंबर 2022 से अब तक हाईकोर्ट जजों के लिए कॉलेजियम ने 221 नामों का अनुमोदन किया है, जिनमें से 29 नाम अभी केंद्र के पास लंबित हैं। अदालत ने कहा कि नौ नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 तक 330 नामों का अनुमोदन किया गया था, जिनमें से 170 को केंद्र ने मंजूरी दी। वहीं, 11 नवंबर 2024 से 5 मई 2025 के बीच 103 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई, जिनमें से केवल 51 नाम ही स्वीकृत किए गए हैं।
जल्द नियुक्ति का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अपेक्षा की है कि लंबित सिफारिशों पर जल्द से जल्द निर्णय लेकर उच्च न्यायालयों में जजों की कमी को पूरा किया जाए, ताकि लंबित मामलों का निपटारा तेजी से हो सके।