कोलकाता। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा से कथित सामूहिक बलात्कार मामले में एक अहम मोड़ आया है। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी के पिता ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि यदि उनका बेटा दोषी पाया जाता है, तो उसे कानून के अनुसार कठोर सजा मिलनी चाहिए। इस घटना को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम नागरिकों में गहरी नाराजगी है, और पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप भी लग रहे हैं।
गिरफ्तार युवक को तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़ा बताया गया है। आरोपी के पिता, जो स्वयं भी पार्टी से संबद्ध हैं, ने यह स्पष्ट किया कि उनके बेटे की राजनीतिक पहचान उसे कानून से ऊपर नहीं बनाती।
“न्याय व्यवस्था पर मुझे विश्वास है”
मीडिया से बातचीत में आरोपी के पिता ने कहा, “यदि मेरा बेटा दोषी है, तो उसे सजा अवश्य मिलनी चाहिए। जांच प्रक्रिया जारी है और मैं फिलहाल कोई निष्कर्ष नहीं देना चाहता।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को अपनी हैसियत के अनुसार शिक्षा दी, लेकिन पिछले कई वर्षों से दोनों के बीच कोई संपर्क नहीं रहा। उनके अनुसार, “अब जबकि वह वयस्क हो चुका है और स्वतंत्र रूप से जीवन जी रहा है, ऐसे में उसकी किसी गलती के लिए मैं जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।”
कॉलेज में गुटबाजी का माहौल था
आरोपी के पिता ने कॉलेज के माहौल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब उनका बेटा लॉ कॉलेज में पढ़ रहा था, उस समय संस्थान में गुटों के बीच खींचतान आम बात थी। “मैं केवल उसके एडमिशन के समय कॉलेज गया था। बाद में वह खुद ही पढ़ाई पूरी कर कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगा,” उन्होंने बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज के कार्यक्रमों में बेटे को बुलाया जाता था, लेकिन वहां छात्र अपने-अपने गुटों के बीच ही अक्सर टकराते रहते थे। “हर कोई खुद को बड़ा वकील समझता है,” उन्होंने व्यंग्य में जोड़ा।
वित्तीय स्थिति के चलते मजबूरी
आरोपी के पिता ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे किसी बड़े कानूनी संघर्ष में उतर सकें। “मैं रोजमर्रा की जिंदगी बसर करता हूं। कोई बड़ी मुकदमेबाजी करना मेरे लिए संभव नहीं,” उन्होंने साफ कहा।