लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वंचित समुदायों के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में हो रही देरी और छात्रावासों की बदहाल स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं।
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मैट्रिक के बाद मिलने वाली छात्रवृत्ति में देरी के कारण इन समुदायों के लगभग 90 प्रतिशत छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित आवासीय छात्रावासों की हालत बेहद खराब है, जो छात्रों की शिक्षा में बाधा बन रही है।
बिहार दौरे का ज़िक्र करते हुए उन्होंने दरभंगा स्थित आंबेडकर छात्रावास में छात्रों से हुई बातचीत का हवाला दिया, जहां छात्र 6-7 की संख्या में एक ही कमरे में रहने को मजबूर हैं। शौचालयों की स्थिति जर्जर है, पीने के पानी की सुविधा पर्याप्त नहीं है, न ही भोजनालय की सुविधा है और न ही पुस्तकालय या इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति पोर्टल कई वर्षों तक काम नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि बिहार में 2021-22 सत्र में एक भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली, जिससे स्पष्ट होता है कि यह समस्या केवल अव्यवस्था का परिणाम नहीं, बल्कि गहरी उपेक्षा की ओर इशारा करती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि इन दो अहम मुद्दों – छात्रवृत्ति की समय पर उपलब्धता और छात्रावासों की स्थिति – पर तत्काल संज्ञान लिया जाए, जिससे लाखों वंचित छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित हो सके।