पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के भीतर चल रही अंदरूनी खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। गुरुवार को पूर्व बर्दवान जिले के मोंटेश्वर और मालडांगा क्षेत्रों में उस समय तनाव फैल गया, जब राज्य के पुस्तकालय मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी पर कथित रूप से उन्हीं की पार्टी के एक गुट ने हमला कर दिया। इस हमले में मंत्री की कार और काफिले के अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, साथ ही मंत्री समेत कई लोग घायल हो गए।
घटना उस वक्त घटी जब मंत्री कुलुत गांव से बर्दवान के एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने जा रहे थे। रास्ते में मोंटेश्वर और मालडांगा के बीच अचानक कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उनका काफिला रोक लिया। प्रदर्शनकारियों ने पहले काले झंडे दिखाए और “वापस जाओ” के नारे लगाए। इसके बाद काफिले पर हमला कर दिया गया, जिसमें मंत्री की कार के शीशे टूट गए और अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा। मौके पर पहुंची पुलिस ने मंत्री को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
पार्टी के भीतर बढ़ती नाराजगी
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावर टीएमसी के ही कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं जो मंत्री से लंबे समय से असंतुष्ट थे। उन पर पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा देने, स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी करने और विकास कार्यों में पक्षपात के आरोप लगाए गए हैं। गुरुवार को यही नाराजगी हिंसा में तब्दील हो गई।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मोंटेश्वर विधानसभा क्षेत्र में मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी को लेकर असंतोष कोई नया नहीं है। कई स्थानीय नेता उन्हें बाहरी और घमंडी बताते रहे हैं। अतीत में भी उनके खिलाफ विरोध की आवाजें उठी थीं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इन्हें नजरअंदाज किया। अब यह असंतोष सड़क पर प्रदर्शन और हमले के रूप में सामने आया है।
स्थानीय पंचायत प्रधान ने जताई नाराजगी
मोंटेश्वर ग्राम पंचायत के प्रधान रफीकुल इस्लाम शेख ने कहा, “मंत्री पद संभाले उन्हें चार-पांच साल हो गए हैं। हमें उम्मीद थी कि मोंटेश्वर की समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। लोगों को केवल अनाज ही नहीं, प्रमाणपत्र जैसी जरूरतें भी होती हैं, जिनसे जनता वंचित रह गई।” उन्होंने कहा कि इसी कारण जब मंत्री क्षेत्र में पहुंचे तो लोग सड़कों पर उतर आए।
कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना न केवल तृणमूल कांग्रेस की आंतरिक कलह को उजागर करती है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर टीएमसी सरकार को घेरा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि जब एक मंत्री ही अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से महफूज़ नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी दी जा सकती है।