कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आयात शुल्क (टैरिफ) पर मोलभाव करने का अधिकार है, वैसे ही भारत भी अपने फायदे के अनुसार मजबूत सौदे कर सकता है। यह बात उन्होंने 21 अप्रैल को अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के वॉटसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में एक चर्चा के दौरान कही। इस बातचीत का वीडियो शनिवार को इंस्टिट्यूट के यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया।
भारत के पास आकार और कौशल दोनों – राहुल
सोमवार को राहुल गांधी ने इस संवाद का एक अंश फेसबुक पर भी साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि भारत के पास बड़े पैमाने पर क्षमता और कुशल जनशक्ति मौजूद है। अब देश को एक स्पष्ट दिशा की जरूरत है — उत्पादन, नेतृत्व और यह दिखाने की कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और मैन्युफैक्चरिंग मिलकर आने वाले समय को आकार दे सकते हैं।
भारत के सामने चुनौती – मजबूत उत्पादन प्रणाली
राहुल गांधी ने कहा कि भारत के सामने प्रमुख चुनौती यह है कि वह चीन की तरह एक शक्तिशाली विनिर्माण तंत्र खड़ा करे, जिससे रोजगार सृजित हो सकें। उनके अनुसार, ऐसा तभी संभव है जब अर्थव्यवस्था को खुला और उदार बनाया जाए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सामाजिक सुधार और आर्थिक तरक्की एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और इसके लिए संसाधनों की ज़रूरत होती है।
टैरिफ पर ट्रंप की बातचीत सामान्य प्रक्रिया
टैरिफ नीति को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा कि ट्रंप को बातचीत करने का पूरा अधिकार है, और भारत को भी आत्मविश्वास के साथ अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी सौदे में भारत को अपने फायदे और सीमाओं को ध्यान में रखते हुए बातचीत करनी चाहिए। उनके अनुसार, यह सामान्य व्यापारिक प्रक्रिया है और भारत एक संतुलित और लाभकारी समझौता कर सकता है।