भारतीय नौसेना की शक्ति में लगातार इज़ाफा हो रहा है। मंगलवार को दो नए जहाजों के साथ इस क्षमता को और मजबूती मिली। मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोत ‘उदयगिरि’ को नौसेना को सौंपा गया, वहीं रूस के यांतार शिपयार्ड में निर्मित INS तमाल को भी आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। ये दोनों जहाज देश की समुद्री सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाएंगे।
‘उदयगिरि’ की विशेषताएं और निर्माण यात्रा
‘उदयगिरि’ प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाया गया दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट है। इसे केवल 37 महीनों में तैयार किया गया, जो भारतीय युद्धपोत निर्माण के इतिहास में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस पोत में आधुनिक हथियार प्रणाली, उन्नत सेंसर, और मल्टी-थ्रेट ऑपरेशनल क्षमताएं मौजूद हैं, जिससे यह पारंपरिक और अपारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
क्या है प्रोजेक्ट 17ए?
यह परियोजना देश में पहले से निर्मित शिवालिक श्रेणी के युद्धपोतों का उन्नत संस्करण है। इसमें स्टील्थ तकनीक को और बेहतर बनाया गया है तथा अत्याधुनिक हथियार प्रणाली का समावेश किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल सात युद्धपोत बनने हैं, जिनमें से दो—‘उदयगिरि’ सहित—सेना को सौंपे जा चुके हैं। शेष पोतों को 2026 तक सेवा में लाए जाने की योजना है।
‘उदयगिरि’ की सामरिक क्षमताएं
नए ‘उदयगिरि’ में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मीडियम रेंज एयर डिफेंस मिसाइलें, 76 मिमी की मुख्य गन और हाई-स्पीड क्लोज-इन वेपन सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियार लगाए गए हैं। इसमें प्रयुक्त 75% से अधिक तकनीक और उपकरण स्वदेशी हैं, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इतिहास से प्रेरित, भविष्य की तैयारी
नया ‘उदयगिरि’ 2007 में सेवामुक्त हुए उसी नाम के पूर्व युद्धपोत का आधुनिक संस्करण है, जिसने तीन दशकों तक भारतीय नौसेना में सेवा दी थी। इसकी डिजाइन पूरी तरह से भारतीय नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित की गई है।
INS तमाल की नौसेना में औपचारिक तैनाती
उधर, रूस के कालिनिनग्राद स्थित यांतार शिपयार्ड में निर्मित INS तमाल को भी औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया। इस अवसर पर नौसेना के पश्चिमी कमान प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह सहित भारत और रूस के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी मौजूद रहे। यह जहाज पश्चिमी समुद्री कमान के तहत कार्य करेगा और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।
औपचारिक हस्तांतरण और रणनीतिक सहयोग
INS तमाल की डिलीवरी रूस के नेवल डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल और भारतीय जहाज के कमांडिंग ऑफिसर के बीच औपचारिक दस्तावेज हस्ताक्षर के साथ पूरी हुई। यह भारत-रूस रक्षा सहयोग की मजबूती का प्रतीक भी है।
रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
‘उदयगिरि’ और INS तमाल जैसे जहाजों के निर्माण से देश की सुरक्षा क्षमताओं में तो वृद्धि हुई ही है, साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, रोजगार के अवसर और एमएसएमई क्षेत्र को भी बड़ा लाभ हुआ है। ‘उदयगिरि’ के निर्माण में लगभग 200 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) ने योगदान दिया, जिससे घरेलू रक्षा उद्योग को नया बल मिला है।