वैश्विक संकल्प बने ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’- पीएम मोदी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में लगभग 3.19 लाख लोगों के साथ योगाभ्यास किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने योग को जन आंदोलन में बदलने का आह्वान करते हुए कहा कि “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” को एक वैश्विक अभियान का रूप देना चाहिए।

मोदी ने कहा कि योग किसी जाति, धर्म, उम्र या शारीरिक अवस्था की सीमाओं में बंधा नहीं है, बल्कि यह सम्पूर्ण मानवता को स्वास्थ्य, शांति और चेतना के सूत्र में बांधता है। उन्होंने विशाखापत्तनम की प्रकृति और विकास के मेल को सराहते हुए राज्य सरकार की इस भव्य पहल के लिए धन्यवाद प्रकट किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आइए हम सब मिलकर योग को एक ऐसी सांस्कृतिक शक्ति बनाएं, जो दुनिया को मानसिक संतुलन, सामंजस्य और आंतरिक शांति की ओर ले जाए। हर व्यक्ति, हर समाज योग से जुड़े और एक तनावमुक्त जीवन की ओर बढ़े।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वैश्विक स्तर पर जारी तनावों के बीच योग दुनिया को आत्मिक संतुलन की ओर ले जाने वाला मार्ग है। योग वह प्रणाली है जो ‘मैं’ से ‘हम’ की यात्रा कराती है और यह मानवता के लिए आत्मविश्लेषण और पुनरुत्थान का जरिया बन सकता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल को याद किया

प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया कि वर्ष 2014 में भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। उन्होंने कहा कि महज कुछ ही समय में 175 देशों ने इसका समर्थन किया, जो वैश्विक एकजुटता का असाधारण उदाहरण था। आज योग कई देशों में जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है।

योग बना वैश्विक पहचान का प्रतीक

पीएम मोदी ने बताया कि योग अब धरती के हर कोने में पहुंच चुका है—चाहे वह सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों या हिमालय की ऊंचाइयाँ, या फिर समुद्र की लहरें—हर स्थान से यही संदेश जाता है कि योग सभी के लिए है। यह स्वीकार्यता मानव कल्याण के लिए एक साझा वैश्विक प्रयास का प्रतीक है।

जेपी नड्डा ने भी योग दिवस में लिया हिस्सा

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि योग मात्र शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक अनुशासन भी है। ध्यान और आत्मचिंतन जैसी पद्धतियाँ योग को अधिक गहराई देती हैं। नड्डा ने भी 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे मान्यता दिए जाने की ऐतिहासिक पहल को दोहराया।

विशाखापत्तनम में भव्य आयोजन

इस वर्ष की थीम थी: “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”। विशाखापत्तनम के आरके बीच से भोगापुरम तक लगभग 26 किलोमीटर की पट्टी पर लाखों लोगों ने एक साथ योग किया। आयोजन की भव्यता को ध्यान में रखते हुए 326 विशेष कम्पार्टमेंट बनाए गए, जिनमें 1,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। साथ ही 3.32 लाख टी-शर्ट और 5 लाख योगा मैट्स वितरित की गईं।

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