चीन के खिलाफ रणनीति बनाने में अहम भारतीय अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति

भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति पर प्रतिष्ठित मैगजीन फॉरेन पॉलिसी में एक लेख लिखा गया है। दरअसल राजा कृष्णमूर्ति (50 वर्षीय) चीन के खिलाफ अमेरिकी नीति बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। राजा कृष्णमूर्ति और माइक गैलघेर अमेरिकी संसद की सलेक्ट कमेटी के सदस्य हैं। यह समिति अमेरिका और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच की प्रतिद्वंदिता पर नीति बनाती है। मैगजीन में कृष्णमूर्ति और गैलघेर दोनों पर संयुक्त रूप से लेख लिखा गया है। 

बता दें कि इस साल फरवरी में ही यह समिति गठित की गई थी। इस समिति का उद्देश्य है कि यह अमेरिका के आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा मामले में चीन से प्रतिद्वंदिता पर नजर रखती है और इससे संबंधित नीतियां बनाती है। अमेरिकी संसद की किसी समिति में बतौर रैंकिंग सदस्य या अध्यक्ष बनने वाले राजा कृष्णमूर्ति पहले दक्षिण एशियाई मूल के व्यक्ति हैं। मैग्जीन के लेख में लिखा गया है कि यह समिति चीन पर कांग्रेस की नीति का धड़कता हुआ दिल है। लेख में लिखा गया है कि यह समिति भविष्य के लिए जो नीतियां बनाएगी, उन्हीं पर अमेरिका आगे बढ़ेगा।

कृष्णमूर्ति ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि ‘गैलघेर के साथ काम करने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश किए जाने वाली चुनौती से निपटने में आनंद आ रहा है। हम दोनों के सहयोग से काफी कुछ अच्छा होगा और मैं ये देखने के लिए उत्सुक हूं कि भविष्य में क्या क्या होगा।

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