ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की मानवाधिकार एजेंसी आईपीएचआरसी (दि इंडिपेंडेंट परमानेंट ह्यूमन राइट्स कमीशन) ने यासीन मलिक के मामले में सुनाए गए फैसले को लेकर भारत की आलोचना की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसका करारा जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यासीन मलिक के मामले में फैसले के लिए ओआईसी-आईपीएचआरसी की ओर से भारत के लिए की गई टिप्पणी अस्वीकार्य है। इन टिप्पणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने स्पष्ट तौर पर यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है।
मंत्रालय ने कहा कि दुनिया आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की मांग करती है। हम ओआईसी से अनुरोध करते हैं कि इसे किसी भी तरह उचित ठहराने की कोशिश न करें।अलगाववादी नेता मलिक को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आतंकी वित्तपोषण मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया था कि अलगाववादी नेता को कड़ी सुरक्षा के बीच एक अलग कोठरी में रखा गया है। सुरक्षा कारणों से, मलिक को जेल में कोई काम नहीं सौंपा जा सकता है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल नंबर सात में अलग कोठरी में रखा गया है। उसकी सुरक्षा की नियमित निगरानी की जाएगी।