‘आईएनएस वेला’ नौसेना में शामिल, स्कॉर्पीन श्रेणी की चौथी पनडुब्बी

भारतीय नौसेना ने देश की नौसैन्य शक्ति में और बढ़ोतरी करते हुए पनडुब्बी आईएनएस वेला को गुरुवार को सेवा में शामिल किया गया. भारतीय नौसेना को कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी परियोजना-75 के तहत कुल छह पनडुब्बियों को सेवा में शामिल करना है. आईएनएस वेला सेवा में शामिल की गई इस श्रेणी की चौथी पनडुब्बी हैं. पनडुब्बी को नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की उपस्थिति में सेवा में शामिल किया गया.

आईएनएस वेला से और बढ़ी नौसेना की ताकत

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि आईएनएस वेला इस श्रेणी की चौथी सबमरीन है. उन्होंने टीम के सदस्यों को शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कोविड की वजह से कुछ परेशानी हुई थी लेकिन हमारी टीम ने बहुत मेहनत की. मेरे कार्यकाल के दौरान LAC पर जो हालात थे और कोविड की चुनौतियां भी थी. नौसेना प्रमुख ने कहा कि कहा कि हम चीन के वेसेल्स को मॉनिटर करते रहते हैं. चीन और पाकिस्तान का अभी का जो को-ऑपरेशन है उसको हम बहुत करीब से देख रहें है. 

चीन और पाकिस्तान पर पैनी नजर

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के साझा ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहाज, सबमरीन से सिक्युरिटी डायनामिक्स में काफी फर्क पड़ेगा और हम हर वक्त तैयार हैं. नौसेना प्रमुख ने बताया कि PLA नेवी एंटी पायरसी के मकसद से साल 2008 से गल्फ ऑफ एडन मे ऑपरेट कर रहें है. उनके सबमरीन रेगुलर इंटरवल पर हमारे यहां आते रहते हैं. फिलहाल चीन की ज्यादातर एक्टिविटी सर्च वेसल, इंटेलिजेंस गैदरिंग वेसल्स पर फोकस है और हम इसे बहुत ही सावधानी से मॉनिटर कर रहे हैं.

इससे पहले, नौसेना ने 21 नवंबर को युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम को सेवा में शमिल किया था. इस प्रकार नौसेना को एक हफ्ते में आईएनएस विशाखापट्टनम के बाद आईएनएस वेला के रूप में दो उपलब्धियां हासिल हुई हैं.

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