जम्मू-कश्मीर के एसपीओ बिलाल अहमद माग्रे को 2019 में बारामूला में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अदम्य साहस दिखाने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां सारा बेगम को पुरस्कार दिया. जानकारी के मुताबिक बिलाल अहमद माग्रे अभियान के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे लेकिन इसके बावजूद नागरिकों को निकालने और आतंकियों को उलझाने की कोशिश करते रहे.
वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद कलास को 2019 में पुलवामा में एक ऑपरेशन के दौरान आतंकियों का बहादुरी से सामना करने के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. उन्होंने पुलवामा में अभियान के दौरान कट्टर आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें मार गिराया.
वहीं उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से परम विशिष्ट सेवा पदक मिला है.
इससे पहले लद्दाख में गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान चीनी सैनिकों के साथ मुकाबला करते हुए शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां और पत्नी को पुरस्कार दिया. वहीं, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया.
नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन को ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में पिछले साल जून में गलवान घाटी में चीनी सेना की तरफ से किए गए शातिर हमले के खिलाफ उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया.
वहीं चीनी सेना की तरफ से किए गए इसी हमले का लोहा लेते हुए शहीद होने वाले हवलदार के. पलानी को उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया. महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है.
5 जवान वीर चक्र से सम्मानित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 5 जवानों को वीर चक्र से सम्मानित किया है. इनमें नायब सूबेदार नूदूराम सोरेन,हवलदार के. पिलानी, नायक दीपक कुमार, सिपाही गुरतेज सिंह और हवलदार तेजेंद्र सिंह शामिल हैं.