भारतीय सेना के जवान जम्मू संभाग के जिला रामबन में एक गर्भवती महिला के लिए देवदूत बनकर पहुंचे और महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाया। सेना ने बर्फीले मंगत इलाके में खराब मौसम के बीच एक गर्भवती महिला को बचाया।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को एक बजे रामबन जिला के दूरदरात मंगत इलाके से सेना की राष्ट्रीय राइफल को एक गर्भवती महिला के परिवार के सदस्यों, गांव के सरपंच और अन्य प्रमुख सदस्यों से एक फोन कॉल आई। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला कुलसुमा अख्तर (25) पत्नी मुख्तियार अहमद नायक की हालत गंभीर है और उन्होंने तत्काल चिकित्सा मदद का अनुरोध किया।
सेना ने कॉल का तुरंत जवाब दिया स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सेना की बचाव और चिकित्सा टीमें अपनी सुरक्षा को जोखिम में डालते हुए गांव की ओर रवाना हुए। इलाके में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई थीं। रास्ते में फिसलन बनी थी। इस बीच सैनिकों को 4 से 6 फीट ऊंची बर्फ में रास्ता बनाया और गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर 14 किलोमीटर तक अग्नारी गांव तक लाया गया जहां सेना की एक एम्बुलेंस मरीज को लेने के लिए पहले ही तैयार थी।
गर्भवती महिला को सावधानी पूर्वक व कुशल एसडीएच बनिहाल पहुंचाया गया। बनिहाल अस्पताल तक मरीज के साथ आर्मी डॉक्टर और सेना के जवान भी साथ रहे। खराब मौसम के बीच बर्फ से ढके इलाके से स्ट्रेचर पर 6 घंटे की लंबी सफर कर अस्पताल पहुंचाया गया। परिवार और डॉक्टरों ने सेना की त्वरित कार्रवाई और समय पर सहायता के लिए आभार व्यक्त किया, क्योंकि इससे मरीज की जान बच गई।
सेना के अधिकारी ने बताया कि इस रेस्क्यू में सेना को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि बर्फ में रास्ता बनाना कठिन था।