श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ आईएएस अफसर अंशुल गर्ग पर उनकी पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई है। पंजाब के पटियाला महिला थाने में दर्ज एफआईआर अंशु गर्ग पर दहेज मांगने, बिना सहमति बच्चा गिराने और विश्वासघात करने की धाराएं शामिल हैं। इस एफआईआर पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। अंशुल ने प्रदेश उच्च न्यायालय में एफआईआर पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी।
एफआईआर पर रोक लगाते हुए न्यायाधीश मोहम्मद अकरम चौधरी ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट सकल भूषण को सुनने के बाद कहा कि उच्च न्यायालय के पास अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर दर्ज एफआईआर के खिलाफ याचिका खारिज करने का अधिकार है। लिहाजा एफआईआर पर रोक लगाते हुए अंशुल की पत्नी को चार हफ्तों के भीतर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कहा है।
इसके पहले एडवोकेट सकल ने इस आधार पर एफआईआर को चुनौती दी कि अंशुल की पत्नी पंजाब के एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति की बेटी होने के कारण है। जिसके पिता पंजाब की आर्थिक नीति और प्लानिंग बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कैबिनेट रैंक प्राप्त व्यक्ति हैं। बताया कि उनकी पत्नी पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) के कारण गर्भधारण करने और गर्भावस्था को बनाए रखने में कठिनाई के कारण बांझपन से पीड़ित थी।
इसकी वजह से कलह बना रखी थी। इसलिए उसने क्रूरता, शारीरिक और साथ ही मानसिक रूप से मारपीट करने के झूठे आरोप लगाए और बताया कि इससे उसका गर्भपात हो गया। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने एफआईआर पर रोक लगा दी।