बिजनौर में बोले जयंत- युवाओं के लिए सही नहीं ‘अग्निपथ योजना’

लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि आज देश का ज्वलंत मुद्दा अग्निपथ योजना है। कहा कि सरकार से सवाल पूछना चाहिए कि यह फैसला किस से पूछकर लिया गया। सरकार मजबूर है या किसी के हाथ में चली गई है। अग्निपथ योजना युवाओं को ठगने की योजना है। सरकार 60 लाख नौकरी के खाली पड़े पद भर नहीं पाई और योजना अग्निपथ ले आई। सरकार इस योजना के माध्यम से किसान व युवा की कमर तोड़ने का काम कर रही है। 

बिजनौर में सोमवार को चक्कर रोड पर एक मैदान में आयोजित युवा पंचायत में चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि नौजवान सड़कों पर दौड़कर पसीना बहाकर सेना में जाता था। वह और उसका परिवार गर्व करता था। अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि वह चार साल में न तो ट्रेनिंग पूरी कर पाएगा और न ही सही तरीके से देश सेवा कर पाएगा। दसवीं पास युवा चार साल में सेवानिवृत्त होकर घर आएगा, तो वह अंडर ग्रेजुएट फिर कैसे रोजगार पाएगा। सरकार इन चार साल में ऐसी कौन-सी डिग्री या अन्य प्रोफेसनल कोर्स करा देगी, जो वह चार साल बाद घर आकर आसानी से नौकरी कर पाएगा। रालोद शुरू से ही इस योजना का विरोध कर रही है। 

उन्होंने कहा कि ऐसी भीषण गर्मी में जब सब राजनीतिक दल आराम कर रहे हैं, तो वह और उनकी पार्टी युवाओं के साथ खड़ी है। मेरा दायित्व बनता है कि मैं युवाओं के लिए सरकार द्वारा थोपे जाने वाले गलत निर्णय का विरोध करूं, क्योंकि आप लोगों ने जो मेरे सिर पर पगड़ी बांधकर मुझे जिम्मेदारी दी है। उसका पालन करते हुए 40 डिग्री से ऊपर के तापमान में युवा पंचायत कर अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं और जब तक योजना वापस नहीं ली जाती, तब तक जारी रहेगी। उन्होंने सरकार से कहा कि चार साल की जगह 15 साल की नौकरी दे। रिक्त पड़े सरकारी 60 लाख पदों को शीघ्र भरा जाए। सरकार अपने चुनावी मुद्दों को पूरा करे।

दमनकारी नीतियां अपना रही सरकार : जयंत 
रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि सरकार दमनकारी नीतियां अपना कर क्रूरता का परिचय दे रही हैं। बहावड़ी की घटना इसी का परिणाम है। उनकी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है और उनकी मांग का पुरजोर समर्थन करते हैं। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।

शामली के गांव बहावड़ी में बीते शनिवार को ओमपाल सिंह के घर के बाहर चबूतरे को बुलडोजर से तोड़ने के दौरान बुजुर्ग हरदन सिंह की मौत हो गई थी। रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह सोमवार को बहावड़ी पहुंचे और मृतक के परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार क्रूरता का परिचय दे रही है। वह दमनकारी नीति अपना रही है। यह सरकार निर्माण तो करा नहीं पा रही है वर्षों पहले के निर्माण पर बिना सुनवाई व नोटिस दिए बुलडोजर चलवा रही है। 

बुजुर्ग हरदन सिंह के परिवार की समाज में अच्छी छवि है। गांव के विकास में योगदान भी है। इसके बावजूद परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। सरकारी बुलडोजर चल रहा था, उस दौरान हरदन सिंह की तबीयत बिगड़ी और मौत गई। इसके बाद भी बाबा का बुलडोजर थमा नहीं। ऐसे में अधिकारियों को पहले पीड़ित के इलाज की व्यवस्था करानी चाहिए थी। जयंत सिंह ने कहा कि क्रूर शासक का भी जनता के हाथों समाधान होना चाहिए।  

इस घटना के समय मौके पर मौजूद अधिकारी भी दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। वे पीड़ितों को न्याय दिलाने की लड़ाई में उनके साथ हैं।

बुलडोजर से पड़ोसी को भी हो रहा नुकसान
सरकार की बुलडोजर नीति पर सवाल खड़ा करते हुए जयंत सिंह ने कहा कि बहावड़ी में किसी को भी नोटिस नहीं दिया गया। बुलडोजर से पड़ोसी को भी नुकसान हुआ है।

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