चिराग के बाद ‘ऑपरेशन कांग्रेस’ पर JDU? जोड़-तोड़ का मास्टर प्लान तैयार

ऑपरेशन एलजेपी को सफलता तक पहुंचाने के बाद जदयू की निगाहें अब कांग्रेस पर है। माना जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट का मास्टर प्लान जदयू ने ही तैयार किया था। जदयू के दो वरिष्ठ नेताओं ने ऑपरेशन एलजेपी को सफलता के अंजाम तक पहुंचाया। इसमें सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और महेश्वर हजारी का नाम सबसे आगे आ रहा है। विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई के लिए जदयू आक्रमक तौर पर अब कांग्रेस के खिलाफ रणनीति बना रही है।

सूत्र यह दावा कर रहे है कि एक मंत्री को मिशन कांग्रेस के ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में जोड़-तोड़ को बिना दल बदल कानून के दायरे में लाए आगे बढ़ने के लिए कम से कम कांग्रेस के 13 विधायकों को मनाना होगा। सूत्र दावा कर रहे है कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने फिलहाल पार्टी छोड़ने के लिए हामी भर दी है। लेकिन मामला दो तिहाई पर अटका हुआ है।

हालांकि कई ऐसे कांग्रेस के विधायक हैं जो जदयू के ऑफर को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और टूटने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर वह विधायक हैं जो अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं या फिर बहुत पुराने समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। यही विधायक जदयू के मिशन कांग्रेस के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं। हालांकि जदयू की ओर से विधायकों को विभिन्न प्रकार का प्रलोभन दिया जा रहा है। हालांकि, अभी भी वह इंतजार करना चाहते हैं। नीतीश कुमार लगातार जोड़-तोड़ से जुड़ी सवालों से दूरी बनाए रखते हैं। लेकिन हाल में ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कांग्रेस को डूबता जहाज बताया था।

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