झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी परीक्षा के बाद बनी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने जेपीएससी को आठ सप्ताह में नई मेरिट लिस्ट तैयार कर सरकार को भेजने का निर्देश दिया है। सरकार को नए मेरिट लिस्ट के अनुसार फिर से विभिन्न सेवाओं पर नियुक्ति की सूची जारी करने को कहा है।
कोर्ट ने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करने का आग्रह खारिज कर दिया। क्वालीफाइंग विषय हिंदी के अंक को मेरिट लिस्ट में शामिल करने को कोर्ट ने गलत बताया है। कोर्ट ने कहा है कि जेपीएससी के नियमों में क्वालीफाइंग मार्कस के मेरिट लिस्ट में शामिल करने का प्रावधान नहीं था,लेकिन इस अंक को शामिल करने के बाद मेरिट लिस्ट तैयार किया गया जो गलत है। कोर्ट ने कहा है कि इस प्रकार की गड़बड़ी करने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें जिम्मेवार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने छठी झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन (जेपीएससी) मुख्य परीक्षा की सभी उत्तरपुस्तिकाएं सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था। याचिकाएं तब तक सुरक्षित रखनी होंगी जब तक की इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाए।
क्या है मामला: जेपीएससी ने पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है। इससे वैसे अभ्यर्थी मेरिट सूची से बाहर हो गए है, जिन्हें अन्य पेपर में ज्यादा अंक मिले हैं। जबकि यह विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है। विज्ञापन में पेपर वन में सिर्फ पास होने का अंक लाना था, जिसे प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था, लेकिन जेपीएससी ने इसे भी कुल प्राप्तांक में जोड़ कर परिणाम जारी किया है। इसलिए अंतिम परिणाम को रद्द किया जाए।