जींद: सफीदों में राइस मिल में बॉयलर का हिस्सा धंसा, दो मजदूर दबे

सफीदों के हाट रोड स्थित एक राइस मिल के बॉयलर का एक हिस्सा देर रात अचानक धंस गया। जिससे इस ब्वायलर पर काम कर रहे पांच मजदूरों में से 2 मजूदर नीचे दब गए और बाकी ने किसी तरह से कूदकर अपनी जान बचाई। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त राइस मिल में एक बलास्ट हुआ। सुबह तक इस मामले की भनक किसी को नहीं लगी। रात में किसी ने मामले की सूचना प्रशासन व पुलिस को नहीं दी।

जैसे ही सुबह हुई तो मजदूरों के परिजनों में हादसे को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई और वह सुगबुगाहट किसी राहगीर ने सुन ली। जब जाकर उसे इस घटनाक्रम की सूचना सफीदों प्रशासन व पुलिस को दी गई। सूचना पाकर प्रशासन में हडकंप मच गया। एसडीएम सत्यवान मान व सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार जेसीबी मशीन व क्रेन लेकर मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू चलाया। दब गए दोनों मजदूर बिहार के बताए गए हैं। 

क्या था घटनाक्रम 
मिली जानकारी के अनुसार नगर के हाट रोड स्थित एटीएस राइस मील में रात को बॉयलर पर काम चल रहा था। जिस पर पांच मजदूर काम कर रहे थे। अचानक ब्लास्ट के साथ बॉयलर के पश्चिमी छोर की ड्रिल मशीन का हिस्सा नीचे धंस गया। हादसा होते ही तीन मजदूर तो कूदकर निकलने में कामयाब हो गए लेकिन सबसे ऊपर काम कर रहे दो मजूदर इसमें दब गए। दबे हुए मजदूरों की पहचान सूरज (24) निवासी कोरई बेगूसराय बिहार तथा नितिश (20) निवासी कपूरी चौंक समस्तीपुर बिहार के रूप हुई है। इस मामले की किसी को भी रात में जानकारी नहीं लगी। बच गए तीनों मजूदर भी सदमे में आ गए थे और वे किसी को कुछ बताने की स्थिति में नहीं रहे। सुबह तक जब उन्होंने होश संभाला तब उन्होंने इसकी चर्चा मिल में काम करने वाले अन्य मजदूरों व परिवारों से की। इस बात को किसी ग्रामीण ने सुन लिया और सारी जानकारी प्रशासन को दी। 

सूचना पाकर एसडीएम सत्यवान सिंह मान, डीएसपी आशीष कुमार व सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने आनन-फानन में कई जेसीबी व क्रेनों को मौके पर बुलवाया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बताया जाता है कि यह बॉयलर अपनी जगह से कई फुट नीचे धंस गया था। मजदूरों को तलाश करने में प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई घंटों की मशक्कत के बाद एक मजदूर को निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक की पहचान नितिश के रूप में हुई है। इसके बाद प्रशासन ने दूसरे दबे हुए मजदूर सूरज को निकालने का कार्य शुरू किया लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत यह थी कि कहीं पूरा बॉयलर ही रेस्क्यू टीम पर आकर ना गिर जाए क्योंकि यह बॉयलर काफी लंबा व चौड़ा है और उसमें सैकड़ों क्विंटल धान भरी हुई थी। इसको काबू करने के प्रशासन ने बड़ी क्रेन को मौके पर बुलवाया ताकि वह इसे ऊपर संभाल सके और नीचे जेसीबी मशीनें काम कर सके। 

मिल प्रबंधन की रही भारी लापरवाही 
इस सारे मामले में मिल प्रबंधन की भारी लापरवाही रही। यह हादसा रात को करीब 3 बजे हुआ था लेकिन सुबह 9 बजे तक किसी ने भी इसकी जानकारी प्रशासन व पुलिस को नहीं दी। यहां तक कि मिल प्रबंधन ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था। बाहर से ऐसा लग रहा था कि यहां पर कुछ हुआ ही नहीं है। प्रशासन ने मिल के पीछे से जाकर रेस्क्यू शुरू किया। इस सारे प्रकरण में मिल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ता हुआ नजर आया और उनका कोई जिम्मेवार व्यक्ति मौके पर भी नहीं पहुंचा। मिल के अधिकारी व कर्मचारी छिपते हुए नजर आ रहे थे। मिल के कर्मचारियों का सहयोग ना मिल पाने के कारण प्रशासन को रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आई। इस मिल का मालिक विपिन कुमार निवासी नरेला दिल्ली का बताया जा रहा है। सुपरवाइजर मोहम्मद फरहान का कहना है कि यह कुदरती हादसा है। इससे आगे वे कुछ भी नहीं जानते। यह हादसा रात को करीब पौने 3 बजे हुआ है। वे सुबह ड्यूटी पर आए तभी उन्हें इस हादसे का पता चला है। 

समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस
इस मामले में प्रशासन तो सूचना मिलते ही रेस्क्यू में जुट गया। काफी मशक्कत के बाद एक मजदूर नितिश को निकालने में कामयाबी तो हासिल की लेकिन उसको अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा करने में प्रशासन असहाय नजर आया। जैसे ही नितिश मिला तो मौके पर एंबुलेंस की पुकार पड़ गई लेकिन एंबुलेंस वहां पर उपलब्ध नहीं थी। सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने मौके पर तत्परता दिखाते हुए परिवार की महिलाओं को संभाला और नितिश को पुलिस की गाड़ी में नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जब नितिश को वहां से ले जाया जा चुका था उसके काफी देर के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची। 

क्या कहते हैं सिटी थाना प्रभारी 
इस मामले में सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने कहा कि जैसे ही घटना की सूचना उन्हे प्राप्त हुई तो वे मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया। दबे हुए मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू चलाया गया है तथा एक मजदूर को अभी निकाल लिया गया है।

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