करौली, अलवर, जोधपुर और अब चित्तौड़गढ़ !


क्या कांग्रेस का चिंतन शिविर राजस्थान में इस लिए आयोजित किया गया था कि आगामी विधान सभा चुनाव की जमीन तैयार करनी है? क्या मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हिन्दू विरोधी माहौल की रणनीति चला रहे हैं?

हाल में करौली, अलवर, भरतपुर, जोधपुर आदि और भी अनेक स्थानों पर जो कुछ हो रहा है वह अच्छे संकेत नहीं देता। राजस्थान के कांग्रेस नेतृत्व ने जो घृणा तथा टकराव का ताना-बाना बुना है, उसके परिणाम कांग्रेस के हित में तो अच्छे निकल सकते हैं किन्तु समाज में उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस वातावरण का ही नतीजा है कि चित्तौड़गढ़ में पूर्व पार्षद जगदीश सोनी के पुत्र रतन की तीन मुस्लिम युवकों ने तलवार से काटकर हत्या कर दी। हत्या का विरोध करने वालों पर पथराव भी किया गया।

देश में पिछले कई महीनों से मुस्लिम नेताओं और इनके पिच्छलग्गू भड़काऊ व शरारतपूर्ण वक्तव्य देकर देश का माहौल ख़राब कर रहे हैं। ताजा उदाहरण कानपूर का है जहां जुमे की नमाज के बाद जबरन दुकानें बंद कराने की कोशिश की गई। राष्टपति तथा प्रधानमंत्री की कानपुर यात्रा के समय पुलिस बल पर हमला किया गया। फायरिंग हुई, बम फेंके गए। क्या कश्मीर के बम व पत्थर पूरे देश में बाटें गए हैं ? इस स्थिति पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है।

गोविन्द वर्मा
संपादक देहात

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