कठुआ में हुए आतंकी हमले में पौड़ी जिले के रिखणीखाल तहसील के दो बेटों हवलदार कमल सिंह और राइफलमैन अनुज नेगी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनके बलिदान होने की खबर से कोटद्वार से लेकर रिखणीखाल तक शोक छा गया।
दोनों जवान अपने घरों के इकलौते चिराग थे। देर शाम उनका पार्थिव शरीर पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट और फिर कोटद्वार लाया गया। कोटद्वार बेस अस्पताल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ लाए गए पार्थिव शरीरों पर लोगों ने पुष्पांंजलि अर्पित कर भारत माता के जयघोष लगाए।
बुधवार सुबह सेना के वाहनों से दोनों बलिदानियों के पार्थिव शरीर को उनके गांव ले जाया जाएगा। यहां परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद उनके पैतृक घाट मंदाल नदी के तट पर बंजा देवी व टांडा महादेव पर राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कमल सिंह बीते 20 जून को गांव में संपन्न हुई पूजा में हिस्सा लेकर कुछ दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। वह घर के इकलौते बेटे थे। उनकी तीन बहनें हैं। जिनकी शादी हो चुकी है। कमल के चाचा भोपाल सिंह बताते हैं कि कमल के पिता का देहांत काफी साल पहले हो गया था। घर पर उनकी माता और दादी रहती हैं।
राइफलमैन अनुज नेगी घर के इकलौते बेटे थे। उनकी एक बहन भी है। उनके पिता भारत सिंह वन विभाग में दैनिक कर्मचारी थे। मां सरिता देवी गृहिणी हैं।
लोग उनके परिजनों को ढाढ़स बंधाने के लिए गांव पहुंचने लगे हैं। गांव व घर में मातम का छाया है।