फिर सुर्खियों में आया कोटा का अस्पताल, 24 घंटे में 9 नवजात बच्चों की मौत- परिजनों ने किया हंगामा

राजस्थान के कोटा का जेके लोन अस्पताल फिर से विवादों में आ गया है। इसकी वजह 24 घंटे के भीतर 9 नवजात बच्चों की मौत है। इनमें 5 शिशुओं की मौत बुधवार को हुई जबकि 4 बच्चों ने गुरुवार को दम तोड़ा। जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ ने अस्पताल प्रशासन ने कारणों की रिपोर्ट मांगी है। वहीं पड़ित परिवारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने बच्चों की जान ली है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दलील कुछ और है। 

वहीं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने भी जांच का आदेश दिया है जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई है। इधर सूचना पाकर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे और अस्पताल अधीक्षक से पूरे मामले की जानकारी जुटाई। 

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एससी दुलारा का कहना है कि तीन बच्चे मृत लाए गए थे। तीन को जन्मजात बीमारी थी और तीन की मौत दिमाग में पानी भरने के कारण हुई है। इसमें अस्पताल की कोई लापरवाही नहीं है। वहीं अस्पताल के दावे की जांच के लिए जिला कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से जांच रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने बताया कि जेके लोन अस्पताल में एक से चार दिन के पांच बच्चों की मौत बुधवार रात हो गई, जबकि चार बच्चों की मौत गुरुवार को हुई। 

उन्होंने कहा, ‘नौ नवजात शिशुओं ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें से तीन को मृत लाया गया। मैंने निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी नवजात शिशु का जीवन नहीं खोना चाहिए। मुख्यमंत्री और सरकार इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।’

बताते चलें कि इस अस्पताल में बच्चों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल दिसंबर में भी यह अस्पताल सुर्खियों में आया था। तब यहां 100 बच्चों की मौत हुई थी। बच्चों की मौत होने पर राज्य की अशोक गहलोत सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। सरकार ने दावा किया था कि भविष्य में नवजातों के लिए सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा, लेकिन एक बार पुन: मौतों का मामला सामने आया है। 

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