कोविड 19: पांच हफ्तों में नौ गुना तक बढ़ा संक्रमण

देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से रफ्तार पकड़ते नजर आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1590 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, 6 संक्रमितों की मौत भी हुई है। 146 दिनों में यह कोरोना के एक दिन का सबसे अधिक केस है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पिछले पांच हफ्तों में देश में संक्रमण के मामलों में नौ गुना तक बढ़ोतरी आई है। संक्रमण के बढ़ते जोखिम को देखते हुए मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड से मुकाबले के लिए ‘चार टी’ (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण) और कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन पर विशेष ध्यान दें।

देश में ओमिक्रॉन के XBB.1.16 सब-वैरिएंट को बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, इसकी संक्रामकता दर अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक है। इस नए वैरिएंट की इम्यून स्केप यानी की शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता इसे कई मामलों में चिंताकारक बनाती है। अलग-अलग राज्यों से भी संक्रमण के मामले में अचानक वृद्धि की खबरें हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को 6.66 प्रतिशत की सकारात्मक दर के साथ 152 नए कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए। इससे पहले गुरुवार को 117 लोगों के संक्रमित पाया गया था। इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली में एक दिन में 100 से अधिक मामले दर्ज हुए थे।

इसी तरह शुक्रवार को महाराष्ट्र में 343 नए कोविड संक्रमण और तीन मौतों की खबर है। महाराष्ट्र में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 1,763 हो गई है। 

नौ-दस गुना तक बढ़े केस

देश में अब कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 8600 से अधिक हो गई है, इनमें से ज्यादातर के लिए XBB.1.16 वैरिएंट को कारण माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण  कहते हैं, फरवरी के दूसरे-तीसरे सप्ताह में 108-115 दैनिक मामले रिपोर्ट किए जा रहे थे, वहीं मार्च के तीसरे सप्ताह तक औसत मामले 1000 से ऊपर हो गए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से लगातार संक्रमण के मामले 1100 से अधिक रिपोर्ट हो रहे हैं। 

अचानक संक्रमण बढ़ने का कारण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से ओमिक्रॉन के म्यूटेटेड वैरिएंट्स की प्रकृति है, उसके कारण कम समय में ही अधिकतर लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। अमर उजाला से बातचीत में कोविड केयर एक्सपर्ट डॉ नरोत्तम सिंह बताते हैं, चूंकि नए वैरिएंट्स के कारण लोगों में एसिम्टोमैटिक रोग अधिक देखे जा रहे हैं, ऐसे लोगों में चूंकि संक्रमण का पता नहीं चलता है और इनसे दूसरे के संक्रमित होने का जोखिम भी अधिक रहता है, अचानक से देश में मामलों के बढ़ने का एक कारण यह भी हो सकता है।

घबराएं नहीं, पर बचाव जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के मामले भले ही बढ़ रहे हैं पर ज्यादातर लोग आसानी से ठीक हो जा रहे हैं, अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम ही लोगों को हो रही है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि सभी लोगों को लगातार बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है। आपकी लापरवाही परिवार के ऐसे लोगों के लिए गंभीर हो सकती है जो कोमोरबिडिटी के शिकार हैं। कोमोरबिडिटी वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है। 

अस्वीकरण: संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। दैनिक देहात लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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