उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. धोखेबाज विजय अग्रवाल और लेखपाल गैंग ने एक गरीब मजदूर महिला को जालसाजी में फांसकर उसका घर बरबाद दिया. 15 हजार रुपये का लालच देकर उसके नाम फर्जी वसीयत करवाकर तीन करोड़ की आठ रजिस्ट्री करवा लीं. एसपी सिटी मानुष पारीक के निर्देश पर एसआईटी ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार के भू माफिया गिरोह की करतूतें लगातार सामने आ रही हैं. कुछ दिन पहले ही लेखपाल समेत उसके गिरोह के कई लोगों जमीन कब्जाने के मामले में पुलिस ने जेल भेजा है. उसके बाद भी नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. यह गिरोह विवादित जमीन को अनुसूचित जाति की महिलाओं को आगे करके हड़प लेता था. इस गैंग ने पूरे शहर में जाल बिछा रखा था.
गिरोह ने गरीब मजदूर महिला को जालसाजी में फंसाकर उसका घर बरबाद कर दिया. महिला को 15 हजार रुपये का लालच देकर उसके नाम फर्जी वसीयत करवाकर तीन करोड़ की आठ रजिस्ट्री करवा लीं. एसपी सिटी मानुष पारीक के निर्देश पर एसआईटी ने महिला को गिरफ्तार किया हैं और पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है.
लेखपाल के गिरोह में एडवोकेट भी
बरेली के थाना बारादरी के आकाशपुरम के रहने वाले मोहम्मद इलियास ने 3 जनवरी 2025 को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके प्लॉट का फर्जी बैनामा कर लेखपाल सावन कुमार और उसके गिरोह ने कब्जा कर लिया लिया है. इलियास ने आरोप लगाया कि उन्होंने प्लॉट का बैनामा करवाकर जरूरी दस्तावेज बीडीए अप्रूवल, जीएसटी पंजीकरण और बिजली कनेक्शन तक ले रखा था. इसके बावजूद 25 अक्टूबर 2024 को सावन कुमार ने अपने सहयोगियों अमित कुमार, चंदन खां, अंकित त्रिपाठी और रेनू के साथ मिलकर प्लॉट पर जबरन कब्जा कर लिया.
अंकित, अंकिश और अंकेश एक ही व्यक्ति के तीन नाम हैं. अंकित, कारोबारी विजय अग्रवाल का मैनेजर है. विजय अग्रवाल के इशारे पर ही अंकित, रिटायर्ड लेखपाल सावन कुमार जायसवाल और अमित राठौर ने फर्जी तरीके से जमीनों पर कब्जे किए. उसके बाद पूरे मामले में बरेली के एसपी सिटी मानुष पारीक ने टीम गठित की थी. सबसे पहले लेखपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उसके बावजूद भी लेखपाल के गिरोह की करतूत सामने आने लगीं. जिस महिला को गिरफ्तार किया है वह 55 साल की है और नाम रेनू पत्नी महेंद्र नाथ है.
महिला को ऐसे किया शामिल
रेनू को उसके पहले पति के भांजे, रेलवे कालोनी के रहने वाले दीपक ने बहला-फुसलाकर लेखपाल सावन जायसवाल और उसके साथियों से मिलवाया था. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी महिला ने बताया कि उसकी पहली शादी नवाबगंज के इंद्रपाल से हुई थी. पति की मौत के बाद उसने दूसरी शादी महेंद्र नाथ से की थी. पहले पति का भांजा दीपक उर्फ सूरज ने महिला को गिरोह से मिलवाया था.
लेखपाल गैंग ने गाड़ी भेजकर महिला को बुलाता था. महिला को स्टेशन रोड के एक होटल में रखा गया था. इसके बाद जब आरोपियों पर एफआईआर शुरू हुईं तो उन्होंने महिला को गायब करने की कोशिश की. हालांकि महिला उनसे झगड़ा कर रेलवे कालोनी चली गई थी. महिला को गायब करते इससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया. इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर क्राइम अरविंद सिंह, दरोगा रोहित शर्मा, अखिलेश उपाध्याय, हेड कांस्टेबल रविन वालियान, महिला कांस्टेबल मोनी ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल भेजा.