कमज़ोर हाथों से नहीं चलती कानून-व्यवस्था !

14 अगस्त को सिसौली में जो हुआ वह बेहद शर्मनाक है और कानून व्यवस्था चलाने वालों की कार्यक्षमता एवं उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाली घटना है। पिछले दिनों से जिस प्रकार धमकियां दी जा रही थीं, उन्हें मद्देनज़र रख सिसौली में पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की जानी जरूरी थी। सिसौली के इस कार्यक्रम में विधायक उमेश मलिक के साथ-साथ राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन के अध्यक्ष बी.एम.सिंह व भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष पूरन सिंह भी हिस्सा लेने पहुंचे थे। इन दोनों किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन से हाथ खींच लिया था। भाजपा विधायक के साथ-साथ इन दोनों किसान नेताओं की भी पुख्ता सुरक्षा होनी चाहिए थी। खेद है कि जिला प्रशासन और पुलिस ने सिसौली में बड़ी चूक की है।

जिस प्रकार निरंतर भाजपा नेताओं को धमकियां दी जा रही है, उसे देखते हुए तथा 5 सितंबर की पंचायत की संभावित आशंकाओं को दृष्टिगत रख पुलिस प्रशासन की बागडोर सख्त हाथों में होना जरूरी है। कानून को हाथ में लेने की प्रवृत्ति और जिले की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रख शासन-प्रशासन को समुचित पग उठाने पड़ेंगे। यह जनहित का तकाज़ा है।

गोविंद वर्मा
संपादक देहात

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here