पुलिस हिरासत में हुए लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के मामले में मंगलवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गृह सचिव को सख्त आदेश जारी करने की चेतावनी देते हुए एसएसपी पर एक सप्ताह में कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही उस अधिकारी पर कार्रवाई का आदेश दिया है जो पुलिस हिरासत में खरड़ सीआईए थाने में हुए इंटरव्यू के लिए दोषी है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक उच्च अधिकारियों को सस्पेंड क्यों नहीं किया गया। सुनवाई में गृह सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि आप इस मामले में दोहरा रवैया अपना रहे हो। केवल छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों हुई, एसएसपी पर क्यों नहीं। जब जेल में अपराध होता है तो जेल अधीक्षक पर कार्रवाई होती है। अपराध जिले में हुआ तो एसएसपी पर क्यों नहीं।
गृह सचिव ने कहा कि सरकार इस मामले की सेवानिवृत जज से जांच करवा रही है। उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि आप जांच कैसे करवा सकते हैं। जांच कैसे होगी और कौन करेगा यह हम तय करेंगे।
डीजीपी ने अभी तक गलती के लिए नहीं मांगी माफी
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से डीजीपी की प्रेस वार्ता की रिकॉर्ड भी पेश किया गया, जिसमें डीजीपी ने कहा था कि लॉरेंस का साक्षात्कार पंजाब में नहीं हुआ था। कोर्ट ने कहा कि डीजीपी ने अभी तक अपनी इस गलती के लिए कोर्ट से माफी भी नहीं मांगी है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को 10 दिसंबर तक का समय देते हुए कहा कि कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुसार एसएसपी व अन्य बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करें अन्यथा कोर्ट इस मामले में सख्त आदेश पारित करने पड़ेंगे। साथ ही अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुख्य सचिव को उपस्थित रहना होगा।
जेल में स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की
पंजाब पुलिस अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और टीवी साक्षात्कार आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की। हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने खुलासा किया था कि लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब के खरड़ में सीआईए परिसर में और दूसरा साक्षात्कार जयपुर जेल में हुआ था।