नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक असामान्य स्थिति देखने को मिली, जब न्यायालय के समक्ष उपस्थित एक वकील ने धमकी दी कि यदि आपराधिक मामले में उसकी याचिका स्वीकार नहीं की गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने वकील से कहा कि वह सात मार्च तक लिखित माफीनामा दाखिल करें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
सोमवार सुबह जब याचिका (रमेश कुमारन और अन्य बनाम पुलिस निरीक्षक और अन्य) पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता बार के सदस्य रमेश कुमारन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से उपस्थित हुए और कहा कि अगर प्रतिवादी संख्या दो के खिलाफ एफआईआर रद कर दी जाती है तो वे आत्महत्या कर लेंगे। यह सुनकर सुनवाई कर रही पीठ पहले स्तब्ध हो गई, इसके बाद उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा।
जस्टिस ओका ने कहा कि आप अदालत को कैसे धमकी दे सकते हैं कि अगर हम आपकी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे? आप एक वकील हैं.. हम बार काउंसिल से आपका लाइसेंस निलंबित करने और एफआइआर दर्ज करने के लिए कहेंगे। इसके बाद वकील ने कथित तौर पर अपना वीसी लिंक बंद कर दिया। हालांकि, दोबारा वीसी के जरिए पेश हुए वकील रमेश कुमारन ने कहा मैं दिल से माफी मांगता हूं। मैं भावुक हो गया था।
इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि हम सात मार्च तक लिखित माफी चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। कुमारन ने राघवेंद्रन नामक व्यक्ति के खिलाफ एक आपराधिक मामले में अदालत का रुख किया था। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से क्रास एफआईआर दर्ज की गई थी।