विधान परिषद उपचुनाव : भाजपा के पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह ने दर्ज की जीत

विधान परिषद की दो सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा के पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं। सोमवार को हुए मतदान में पदमसेन ने सपा के रामकरन निर्मल को 163 मतों से शिकस्त दी। वहीं भाजपा के मानवेंद्र सिंह ने सपा के रामजतन राजभर को 164 मतों से हराया।

उप चुनाव के लिए विधानमंडल के तिलक हॉल में सोमवार को सुबह नौ बजे से मतदान शुरू हुआ। शाम 4 बजे तक विधानसभा के 403 सदस्यों में से 396 सदस्यों ने मतदान किया। सपा विधायक इरफान सोलंकी, रमाकांत यादव और सुभासपा के अब्बास अंसारी जेल में बंद होने के कारण मतदान नहीं कर सके। सपा विधायक मनोज पारस अस्वस्थ होने के कारण मतदान करने नहीं पहुंचे। बसपा के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह, कांग्रेस की विधायक आराधना मिश्रा मोना व वीरेंद्र चौधरी ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

शाम 5 बजे से मतगणना शुरू हुई। विधान परिषद के पूर्व सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार पदमसेन चौधरी को 279 और सपा के रामकरन निर्मल को 116 मत मिले। भाजपा के एक विधायक का वोट रद हुआ। परिषद के पूर्व सदस्य बनवारी लाल दोहरे के निधन से खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 280 और सपा के रामजतन राजभर को 116 वोट मिले। निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद ने पदमसेन चौधरी और मानवेंद्र को विजयी घोषित किया। पदमसेन का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 और मानवेंद्र सिंह का कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक रहेगा।

उप चुनाव के बाद अब विधान परिषद में भाजपा की सदस्य संख्या 82 हो गई है। सपा के 9 सदस्य हैं। अपना दल एस, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, बसपा, शैक्षिक दल गैरराजनीतिक और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। निर्दल समूह के दो और दो निर्दलीय सदस्य हैं। लंबे अर्से बाद परिषद में सभी सौ सदस्य हुए हैं। 

मुख्यमंत्री ने सुबह ही डाला वोट, 396 विधायकों ने किया मतदान 
उत्तर प्रदेश के 403 में से 396 विधायकों ने वोट दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह लगभग 9 बजे ही विधान भवन प्रांगण में पहुंचकर मतदान किया। वहीं सपा विधायक रमाकांत यादव, इरफ़ान सोलंकी, मनोज पारस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी, कांग्रेस के विधायक अनुराधा मिश्रा ‘मोना’, फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी, बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 

काम आयी योगी की रणनीति
निकाय चुनाव में क्लीन स्वीप के बाद विधान परिषद उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति काम आई। मुख्यमंत्री ने दोनों सीटों पर कमल खिलाने और अखिलेश यादव की कुटिल चाल को शिकस्त देने के लिए अपने और सहयोगी दलों के विधायकों को सहेज दिया था।

28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन व बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री सीधे लखनऊ पहुंचे और विधायकों से संवाद कर जीत का खाका तैयार किया। योगी आदित्यनाथ के प्रबंधन के कारण ही भाजपा के खाते में दोनों सीटें आईं और सपा के उम्मीदवार रामकरण निर्मल और रामजतन राजभर को हार का सामना करना पड़ा। 

लक्ष्मण आचार्य के राज्यपाल बनने और बनवारी लाल के निधन से रिक्त हुई सीट पर हुआ मतदान
लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम के राज्यपाल बनने और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त हुई विधान परिषद की दोनों सीट पर उपचुनाव हुआ। लक्ष्मण आचार्य का कार्यकाल 2027 व बनवारी लाल का कार्यकाल 2028 तक था। दोनों सीटें फिर से भाजपा की झोली में आई। नवनिर्वाचित सदस्य भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। 

मुख्यमंत्री ने विजयी प्रत्याशियों को दी बधाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य पद पर हुए उपचुनाव में डबल इंजन सरकार के प्रत्याशी पद्मसेन चौधरी व मानवेन्द्र सिंह को जीत की हार्दिक बधाई दी औऱ उज्ज्वल कार्यकाल की मंगलकामना की। सीएम ने विश्वास जताया कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप विजयी दोनों सम्मानित सदस्यों का लोकनिष्ठ आचरण, कर्मठता एवं अनुभव ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के संकल्प की सिद्धि में सहायक होगा।

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