महिला अधिकारी को चिट्ठी का मामला: असद और रोनसा की जमानत अर्जी खारिज

मुजफ्फरनगर। कचहरी में महिला अधिकारी के दफ्तर में लैटर डालने के मामले में अधिवक्ता असद जमा की जमानत जिला जज ने ख़ारिज कर दी है। 

सरकार बनाम असद जमा आदि केस में जिला जज चवन प्रकाश के यहां मुख्य अभियुक्त असद जमा एडवोकेट की ज़मानत पर बहस हुई। सरकार की तरफ़ से डीजीसी राजीव शर्मा ने बहस की और पीडि़ता पक्ष की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान कुमार, धर्मेंद्र बालियान ,प्रवेश बालियान व वैभव मलिक एडवोकेट ने बहस की। पीडि़ता के एडवोकेट ज्ञान कुमार ने बहस में कहा कि एक महिला अधिकारी के कलेक्ट्रेट आफिस में रात्रि के साढ़े ग्यारह बजे धमकी भरा पत्र डालना एक गम्भीर अपराध है। यह एक गिरोह है, जो संगठित होकर अपराध कर रहे थे। जिला प्रशासन ने घटना के बाद इसको बहुत गम्भीरता से लिया है। मुख्य अभियुक्त सीसीटीवी फ़ुटेज में रात्रि में आपत्तिजनक लिफ़ाफ़ा डालता हुआ साफ़ पहचाना जा रहा है, इस केस की अभी जाँच जारी है।

सुनवाई के बाद जिला न्यायाधीश ने सह अभियुक्त रोनसा वर्मा की ज़मानत अर्जी  ख़ारिज की है। जिला जज ने मामले को अत्यंत गम्भीर मानते हुये मुख्य अभियुक्त असद जमा एडवोकेट का ज़मानत प्रार्थना पत्र भी ख़ारिज कर दिया है।

 जिला प्रोबेशन कार्यालय में महिला अधिकारी के लिए अश्लील फोटो और आपत्तिजनक सामग्री डालने के मामले में दबोचे गए पूर्व सभासद असद जमा को पुलिस ने 21 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया था । कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपित को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इस मामले में महिला अध्यापिका रोनसा वर्मा भी सह अभियुक्त बनाई गयी है। 

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