रायपुर।: भगवान बुद्ध की जयंती वाले दिन बैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर चंद्रग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण भारत के पूर्वी क्षेत्रों और विदेशों में दिखाई देगा। चूंकि छत्तीसगढ़ में ग्रहण नहीं दिखेगा इसलिए ग्रहण के पूर्व लगने वाला सूतक मान्य नहीं होगा। मंदिरों में और घर में पूजा पाठ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार, किसी भी ग्रहण का नियम है कि जहां ग्रहण दिखाई देता है वहीं मान्य रहता है। 26 मई को पड़ रहे चंद्र ग्रहण में सूर्यास्त से पूर्व ही ग्रहण का मोक्ष हो रहा है, अर्थात ग्रस्तोदित चंद्रदर्शन नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में प्रकाशित पंचांगों के अनुसार भी चंद्रग्रहण दिखाई न देने से मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण लगने के आठ घंटे पहले सूतक लगने की मान्यता है, यह सूतक तभी मान्य होता है जब ग्रहण दिखाई दे। चूंकि यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुरूप ग्रहण के दौरान देश के अधिकांश क्षेत्रों में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा। इस वजह से चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा।