मध्यप्रदेश: ओबीसी महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री आवास घेरने का प्रयास

ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री आवास घेरने की राजनीति के दौरान रविवार को हंगामा हो गया। ओबीसी महासभा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे करीब एक हजार लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। एयरपोर्ट से गांधी नगर पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे  भीम आर्मी के लीडर चंद्रशेखर को भी पकड़ा गया है।

दरअसल भोपाल में रविवार को आरक्षण की मांग को लेकर ओबीसी महासभा ने सीएम हाउस घेराव की चेतावनी दी थी। इसी के तहत प्रदर्शन हो रहा है। रविवार सुबह कई संगठनों के कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए। जमकर नारेबाजी की गई। पुलिस ने भी तैयारियां कर रखी थीं। खजूरी सड़क थाना और परवलिया सड़क थाने से भोपाल आने वाले रास्ते सील कर दिए गए हैं। सीहोर से भोपाल आ रहे लोगों को खजुरी सड़क थाने में रोक लिया गया। ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और सीहोर जिले की ओर वापस भेज दिया गया। रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद रोड पर रोककर कार्यकर्ताओं को थाने में बैठाया जा रहा है।

नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप
मामले में बढ़ता हंगामा देख राजनेता भी बयानबाजी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गई थी, लेकिन पता नहीं शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज़ क्यों, सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गई है। भाजपा और उससे जुड़े संगठन को तमाम आयोजनों की छूट.. लेकिन ओबीसी वर्ग के आयोजन पर रोक..?
पहले ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों व इस वर्ग के लोगों को नाकेबंदी कर भोपाल आने से रोका गया और अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, उनका दमन किया जा रहा है। आंदोलन को कुचलने का काम किया जा रहा है। उनके साथ मारपीट की जा रही है और यह सब ख़ुद को इस वर्ग की हितैषी बताने वाली सरकार में हो रहा है?
ओबीसी वर्ग, दलित वर्ग, आदिवासी वर्ग का कितना भी दमन कर लो, यह वर्ग अपने हक की मांग को लेकर संघर्ष करता रहेगा। यह डरने-दबने वाला नहीं है, कांग्रेस इन वर्गों के साथ खड़ी है और इनके हित, उत्थान व कल्याण के लिए हम सदैव संकल्पित हैं।
 

मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया: भूपेंद्र सिंह
ओबीसी महासभा के आंदोलन को लेकर बोले मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि ओबीसी को लेकर लोग राजनीति कर रहे हैं। दूसरे संगठनों को जोड़कर प्रदेश का वातावरण खराब करना यह कांग्रेस के इशारे पर हो रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिले इसके लिए प्रदेश सरकार ने देश के बड़े वकील हरीश साल्वे को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया है जिस पर कल सुनवाई है। केंद्र सरकार भी अभिभावक के  रूप में सुप्रीम कोर्ट में बात रखेगी कि मध्य प्रदेश सरकार को 4 महीने का समय मिले जिससे ओबीसी वर्ग की आर्थिक सामाजिक की स्थिति की गणना की जा सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ओबीसी वर्ग को 27 फ़ीसदी पंचायत में आरक्षण मिले, सरकार ने कैबिनेट से ऑर्डिनेंस वापस लिया।
 

शिवराज सरकार ने बर्बरता का परिचय दिया : कमलेश्वर पटेल
ओबीसी महासभा के आंदोलन को कुचलने के मामले को लेकर पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं का अधिकार बीजेपी सरकार छीनने में लगी हुई है। बीजेपी ने ओबीसी के आंदोलन को कुचलकर लोकतंत्र की हत्या की है। ओबीसी के आंदोलन को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लगातार चिंतित हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात रखने का संविधान ने अधिकार दिया है।
पटेल ने कहा कि शिवराजजी दोहरा चरित्र क्यों, एक ओर RSS के पथ संचलन में पूरी सरकार लगी हुई है, वहीं निर्दोष ओबीसी के भाइयों एवं बहनों के साथ दमन अत्याचार आखिर कब तक। पूरा प्रदेश जान गया है आप की कथनी और करनी? भोपाल में 1 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पद संचलन कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सरकार को किसी तरह का कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं दिखाई दिया। लेकिन आज जब ओबीसी महासभा के लोगों ने अपने हिस्से का आरक्षण मांगने के लिए प्रदर्शन किया तो शिवराज सरकार ने पूरी बर्बरता का परिचय दिया। भाजपा और शिवराज सरकार का ओबीसी विरोधी दमनकारी चेहरा सामने आ चुका है।

 
हिरासत में लेकर गाड़ियों में भरा


आंदोलन में शामिल होने जा रहे लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस वाहन में भरकर शहर से बाहर से जाया गया। इस आंदोलन से पूरा शहर प्रभावित हो रहा है। हलालपुर बस स्टैंड से चलने वाली बसों की जांच की गई। मुख्यमंत्री आवास के आसपास पुलिस ने घेराबंदी कर रखी है। बैरिकेड्स लगाकर मुख्यमंत्री निवास से लेकर रोशपुरा चौराहे तक रास्ते बंद कर दिए हैं। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए पुलिस ने सर्विस रोड व कालोनियों के भीतर से ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की है

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