कुंभ के पहले स्नान यानी मकर संक्रांति पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ी तो स्नान रद्द किया जा सकता है। ऐसे में भीड़ को रोकना और उसे लौटाना बहुत बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए अभी से विचार किया जा रहा है। डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार, स्थानीय फोर्स की तैनाती और बाहर से फोर्स मंगाने जैसे निर्णय कुछ माह पहले ही तय किए जाते हैं, लेकिन इस बार मार्च 2020 से ही कोविड के कारण लॉकडाउन लग गया, जिससे सारे काम पिछड़ गए। यदि कोविड की स्थिति काबू में रही तो कुंभ का स्वरूप भी बड़ा हो सकता है। कुंभ में स्नान घाटों को भी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही तैयार कराया गया है।