महाराष्ट्र: मनी लॉन्ड्रिंग केस में एनसीपी नेता नवाब मलिक की जमानत खारिज

महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को जमानत नहीं मिली. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में  मुंबई सेशंस कोर्ट के ईडी के स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने मलिक की जमानत याचिका ठुकराई है. आज (30 नवंबर, बुधवार) साढ़े तीन बजे कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. नवाब मलिक ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत के लिए याचिका दायर की थी. वे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं. कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिज कर दी. यानी नवाब मलिक को आगे मुंबई के आर्थर रोड जेल में ही समय गुजारना होगा.

अब नवाब मलिक इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं. बता दें कि न्या. आर.एन.रोकड़े ने 14 नवंबर को मलिक की याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर फैसला सुरक्षित कर लिया था. इसके बाद स्पेशल कोर्ट ने 24 नवंबर को फैसला सुनाने की तारीख दी थी . लेकिन 24 नवंबर को फैसले के ऑर्डर तैयार ना होने की बात करते हुए कोर्ट ने 30 नवंबर को फैसले की तारीख तय की.

डॉन दाऊद इब्राहिम और मुंबई ब्लास्ट से जुड़े लोगों से जमीन का सौदा

फरवरी महीने में ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अरेस्ट किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने औने-पौने दाम में करोड़ों की जमीन मुंबई के कुर्ला इलाके के गोवावाला कंपाउंड में खरीदी है. जमीन का सौदा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के गुर्गे सलीम पटेल और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी सरदार शाह वली खान से किया गया था. जोर जबर्दस्ती कर के जमीन की मालकिन से पॉवर ऑफ अटॉर्नी इन दोनों के नाम करवा लिया गया और जमीन का सौदा किया गया.

निर्दोष होने की दलील नहीं जमी तो स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी

इस सौदे के बाद 55 लाख रुपए हसीना पारकर को पहुंचाए गए. आरोप है कि इन पैसों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया गया और इस सौदे के बाद मुंबई में बम ब्लास्ट की घटनाएं हुईं. मलिक ने जुलाई में स्पेशल कोर्ट में इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है और उन्हें राजनीतिक वजहों से फंसाया जा रहा है.

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