महाशिवरात्रि:यूपी के मंदिरों में होगी भोले बाबा की जय जयकार

महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर एक मार्च को वेस्‍ट यूपी के प्रमुख मंदिरों में शिव भक्‍तों का रैला दिखेगा। कांविड़यों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। सभी मंदिरों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मेरठ में औघडऩाथ मंदिर के अलावा महाशिवरात्रि पर सदर बिल्वेश्वर महादेव मंदिर में विशेष आयोजन होगा। मंदिर समिति के संयोजक दयानंद गोस्वामी ने बताया उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर शिवलिंग का सिंगार किया जाएगा। दोपहर दो बजे से सिंगार आरंभ होगा।

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सिंगार आरती शाम छह बजे होगी। बाबा को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा। बागपत गेट स्थित प्राचीन भोले शंकर महादेव शिव मंदिर में 11वीं महाआरती का आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा। समिति के संस्थापक अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सवा लाख बातियों से बाबा महाकाल की आरती डमरू और ढोल नगाड़ों के साथ की जाएगी। 300 लीटर ठंडाई का भोग लगाया जाएगा। वहीं केसर गंज स्थित झाडख़ंडी महादेव मंदिर, नई सड़क स्थित भोलेश्वर महादेव मंदिर समेत शहर के सभी शिवलायों में महाशिवात्रि का पर्व उत्साह और भक्तिभाव से मनाने की तैयारी की गई है।

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बुलंदशहर में छोटी काशी की महिमा

बुलंदशहर के अनूपशहर में छोटी काशी में कावडिय़ों का जमघट लगा, शिव भक्तों ने गंगा जल भरकर अपने अराध्य देव पर चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या मे आवागमन कर दिया है। शिव चौक से गंगा तट तक पूरा क्षेत्र शिवमय हो चुका है। जिससे देखने में यह स्थान मिनी हरिद्वार लगने लगा है। रविवार को अनूपशहर में कावडिय़ों का जमघट लग चुका है। हर-हर महादेव, बम-बम भोले के जयकारों से नगर की सड़कें गूंजने लगी है। गंगा किनारे निकले बालू के विशाल टापू पर कावडिय़ों ने अपनी कावड़ को तरीके से सजाकर अपने गंतव्य की ओर कूच प्रारम्भ कर दिया है। जल स्तर कम होने के कारण श्रद्धालुओं को स्नान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अहेरियों वाली गली में लगातार कावड़ का निमरण किया जा रहा है। जबकि शिव चौक से गंगा तट के मध्य बीच सड़क पर अस्थाई दुकानें लगाकर कावड़ सजाने का सामान बेचा जा रहा है। वहीं खुर्जा में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मंदिरों में विशेष तैयारी गई है। इस दौरान शिवभक्त गंगाजल लेकर लौटने लगे हैं। मार्गों पर बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। खुर्जा के सिद्धेश्वर मंदिर पर विशेष तैयारी की गई है। मंदिर को लाइटों से सजाया गया है। मंदिर के आसपास सफाई भी करा दी गई है। मंदिर में मुख्य दरवाजे से प्रवेश और पीछे की तरफ स्थित दरवाजे से श्रद्धालुओं के बाहर निकलने की व्यवस्था है।

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बागपत का पुरा महादेव मंदिर

बागपत में महाशिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए कांवडि़ए पहुंचने शुरू हो गए हैं। रविवार को हजारों स्थानीय और बाहर से आए श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। मंदिर रंग-बिरंगी बिजली की लाइटों की झालरों से सजाया गया। शिवलिंग को सजाया गया। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के पर्व पर प्राचीन परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा। 28 फरवरी से दो मार्च तक भगवान आशुतोष का जलाभिषेक होगा। दूरदूराज से श्रद्धालु आने लगे हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन गंभीर हैं। मंदिर परिसर को दो जोन व छह सेक्टर में बांटा है।

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सहारनपुर के तीतरो में महाभारत कालीन शिव मंदिर

सहारनपुर के तीतरो में गांव बरसी में महाभारत कालीन शिव मंदिर पर प्रतिवर्ष फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि पर मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान के दर्शनों को आते हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी का कम प्रभाव होने के चलते, प्रशासन व मंदिर समिति को एक बार फिर महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों की भीड़ जुटने की उम्मीद है। तीन दिन तक चलने वाले मेले में व्यवस्था बनाने के लिए तीतरों कोतवाली प्रभारी को कमान सौंपी गई है, वहीं मंदिर के अंदर के व्यवस्था संभालने के लिए ग्राम प्रधान कुशल पाल को व्यवस्था बनाने का कार्य सौंपा गया है।

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बिजनौर के नगीना में श्रीमुक्तेश्वरनाथ मंदिर

बिजनौर के मुक्तेश्वर नाथ मंदिर पर मध्यरात्रि से जलाभिषेक करेंगे हजारों कांवडिय़े। नगीना में बड़ा मंदिर श्रीमुक्तेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी डा. विपिन चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 28 फरवरी को पूजा-अर्चना के बाद मध्य रात्रि से जलाभिषेक का कार्य आरंभ होगा। मंदिर कमेटी व बर्फानी सेवा समिति के सदस्यों द्वरा जलाभिषेक कराने की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। वहीं नगीना। सोमवार की तड़के नगर के प्रसिद्ध बड़ा मंदिर मुक्तेश्वरनाथ में स्थापित स्वयंभू शिवलिंग एवं भगवान आशुतोष का दूध, दही, शहद, घी, गिलोय, वेलपत्र, भांग, धतूरा, आम रस, आंवला रस, गंगाजल, भस्म, आंकड़ों के पत्तों से भव्य श्रृंगार किया गया।

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