ममता के मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी को उत्तर प्रदेश का गब्बर बताया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अब बंगाल की राजनीति गर्म होती दिखाई दे रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बंगाल का जिक्र भी कर दिया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का समर्थन करने उत्तर प्रदेश पहुंची वेस्ट बंगाल की ममता बनर्जी को देखना चाहिए कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद क्या स्थिति थी। वहां चुनाव बाद हिंसा हुई जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला। योगी आदित्यनाथ के इसी बयान को लेकर पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया। अपने बीच में शुभेंदु अधिकारी ने योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की।

शुभेंदु का ट्वीट 

अपने ट्वीट में शुभेंदु अधिकारी ने लिखा कि मैं ईमानदारी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बोलते हुए चुनाव के बाद हिंसा की कायरतापूर्ण घटनाओं का जिक्र किया। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा लगातार विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा का मुद्दा उठाती रही है। फिलहाल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच भी कर रही है। वहीं, ममता बनर्जी की सरकार लगातार चुनाव बाद किसी भी प्रकार की हिंसा को खारिज करती रही है। योगी ने अपने बयान में दावा किया था कि बंगाल में 294 विधानसभा सीटों में से 142 पर हिंसा की घटनाएं हुई थी। 25000 से ज्यादा बहुत प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10,000 से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 लोगों की हत्या हुई थी।

अब इसी को लेकर ममता सरकार के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पलटवार किया है। अपने बयान में फिरहाद हकीम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ नहीं जानते कि बंगाल ने शांति की राह दिखाई है। उन्होंने योगी को उत्तर प्रदेश का गब्बर बताया। हकीम ने दावा किया कि वहां के लोग अब बात नहीं कर पाते हैं। बंगाल में दीदी को विकास के लिए वोट दिया है। कट्टरता के लिए नहीं। पुलिस ने मुठभेड़ में लोग मारे जा रहे हैं। वे तय कर रहे हैं कि हम क्या खाएंगे, क्या पहनेंगे और बंगाल के बारे में बात करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि योगी को आकर ममता बनर्जी से प्रशासनिक कार्य सीखना चाहिए। आप तो धर्म के नाम पर चुनाव लड़ते हो जबकि हमारे यहां सिर्फ विकास के नाम पर चुनाव होता है। 

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