वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की दिल्ली में शुक्रवार को हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ. स्थिति ऐसी हो गई है कि मार्शल बुलाने पड़ गए. बैठक में हंगामे के चलते अध्यक्ष ने 10 विपक्षी सांसदों को आज भर के लिए जेपीसी से निलंबित कर दिया है. जेपीसी की बैठक में हंगामे और सांसदों के निलंबन के बाद अब कमेटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल का बड़ा बयान सामने आया है. पाल ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के सांसद कल्याण बनर्जी ने उन्हें गालियां दी और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया.
जेपीसी चेयरमैन ने आगे कहा कि हमें सांसदों को सस्पेंड करने के लिए मजबूर किया गया. जेपीसी की बैठक की प्रक्रिया तानाशाही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से चलती है. जिस तरह से इस जेपीसी की बैठक चल रही है वैसी बैठक किसी की नहीं थी. क्या विपक्षी सदस्य नहीं चाहते हैं कि ये बिल आए? 370/35A पर भी ये लोग ऐसा ही करते थे. अगर सरकार जल्दबाजी में होती तो फिर बिल को जेपीसी के पास क्यों भेजती. टीएमसी के सांसद ने मुझे गालियां दी.
जेपीसी की बैठक में क्या हुआ हंगामा?
दरअसल, वक्फ पर बनी जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामें के पीछे का मुख्य कारण समिति के सदस्यों की ये मांग थी कि रिपोर्ट एडॉप्ट की तारीख को 31 जनवरी की जाए. समिति की रिपोर्ट तैयार करने से पहले खंड दर खंड अमेंडमेंट पर चर्चा के लिए पहले 24 और 25 जनवरी की तारीख तय की गई थी, लेकिन कल गुरुवार की देर रात वो तिथि चेंज करके 27 जनवरी कर दी गई थी.
विपक्षी दलों की मांग पर तैयार नहीं थे विपक्षी दल
समिति में विपक्षी दलों के सांसदों की ये मांग थी कि क्लॉज बाय क्लॉज के लिए बैठक 27 जनवरी की जगह 31 जनवरी कर दिया जाय. समिति के अध्यक्ष विपक्षी दलों के सांसदों की मांग के लिए तैयार नहीं थे. पहले के तय कार्यक्रम के मुताबिक आज 24 जनवरी को क्लॉज बाय क्लॉज अमेंडमेंट एडॉप्शन किया जाना तय था लेकिन आज मीरवाइज फारूक के नेतृत्व में कश्मीर के मुस्लिम स्कॉलर्स को समिति के सामने बात रखने का मौका दिया गया, ये फैसला कल रात लिया गया था.