भारतीय मानक ब्यूरो के हिमाचल प्रदेश शाखा कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के मंडी में छापा मारकर नकली बोतल बंद पानी का उत्पादन करने वाले दो उद्योगों का पर्दाफाश किया है। उत्पादकों पर आरोप है कि बीआइएस एक्ट 2016 और एफएसएसआई एक्ट की अवहेलना कर बोतल बंद पानी बनाया जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणन चिह्न के बिना बोतल बंद पानी का उत्पादन और बिक्री अपराध की श्रेणी में आता है।
भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एवं राज्य शाखा प्रमुख कुमार अनिमेष कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सर्च एंड सीजर अभियान के तहत छापा मारा गया है। भारतीय मानक ब्यूरो के प्रदेश शाखा कार्यालय की पहली टीम में वैज्ञानिक राम चरण दास और सुधांशु सुमन शामिल रहे। दूसरी टीम में वैज्ञानिक श्याम लाल और सुयश पांडे शामिल रहे। छापे के दौरान दोनों उद्योगों में बड़ी साठ से सत्तर पेटियां नकली बोतल बंद पेयजल जब्त किया गया। इनके सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे।
तीन साल जेल या दो लाख जुर्माने का प्रावधान
बीआइएस एक्ट 2016 के तहत दोषियों के खिलाफ बीआईएस हिमाचल प्रदेश शाखा कार्यालय की ओर से कार्रवाई शुरू की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि एक्ट के अनुसार अपराध के लिए 3 साल तक कारावास या दो लाख तक जुर्माना अथवा दोनों दंड का प्रावधान है।
बीआईएस फेयर एप का करें इस्तेमाल
भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एवं राज्य शाखा प्रमुख कुमार ने बताया कि कई बार उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को दांव पर रखकर नकली आईएसआई चिह्नित उत्पादों का निर्माण कर उन्हें बड़े लाभ पर बेचा जाता है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस फेयर एप भी बनाया है। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर वस्तुओं की गुणवत्ता रजिस्ट्रेशन मार्क एवं लाइसेंस के विवरण आदि की जानकारी ले सकते हैं। उपभोक्ता इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।