डिजिटल मीडिया पत्रकार पर मणिपुर डीएम की कार्रवाई को केंद्र ने बताया ‘अतिक्रमण’, वापस लिया गया नोटिस

इंफाल। डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के कुछ समय बाद मणिपुर में एक डिजिटल मीडिया पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया है कि जारी दिशानिर्देशों के तहत राज्यों को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं दिया गया है।

क्या था पूरा मामला

दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। इन्हीं नियमों के तहत मणिपुर के एक जिलाधिकारी ने एक पत्रकार को नोटिस भेजा, जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया और इसे अतिक्रमण बताया। जिसके कुछ ही समय बाद इस नोटिस को वापस ले लिया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने इस बाबत मणिपुर के मुख्य सचिव राजेश कुमार को पत्र लिखा जिसमें इम्फाल वेस्ट के डीएम नोआरामा प्रवीन सिंह और खन्नासी नीनासी के प्रकाशक का जिक्र किया गया है।

इस पत्र को 1 मार्च को मणिपुर के मुख्य सचिव को भेजा गया। पत्र में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट ने खन्नासी नीनासी के प्रकाशक से उन मानदंडों को साबित करने के लिए कहा था जो वेब पत्रकारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय किए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट के नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अनुपालन न करने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।

खरे ने पत्र में आगे कहा कि सूचना प्रौद्दोगिकी नियम 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2021 के तहत 25 फरवरी को बनाया गया था। इन नियमों के तहत राज्य सरकार के अधिकारियों को किसी प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं दिया गया है। पत्र में आगे कहा गया कि प्रकाशक को दिए गए नोटिस को तुरंत वापस लेना होगा। इस पत्र में आगे कहा गया कि यह पूरी तरह से अतिक्रमण का मामला है।

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