दहेज के लालची लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला एक सीख के तौर पर है। जहां एक व्यक्ति को ज्यादा दहेज के लिए शादी तोड़ना भारी पड़ा और तीन दिन की शादी के लिए अब उसे तीन लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। बता दें कि, दहेज के लालच में एक दूल्हे ने अपनी शादी को सिर्फ तीन दिन में तोड़ दिया, जिसके कारण उसे 19 साल तक दहेज उत्पीड़न के मुकदमे का सामना करना पड़ा। इस दौरान वह तीन महीने जेल में भी रहा। अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपनी पत्नी को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है, जो अब दूसरी शादी करके विदेश में बस चुकी है।
अदालत का आदेश
साथ ही अदालत ने दूल्हे को आदेश दिया कि वह सैदापेट ट्रायल कोर्ट में चार सप्ताह के भीतर 3 लाख रुपये जमा करे, जो दुल्हन को उसके उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। अगर यह राशि नहीं दी जाती, तो मामले की सुनवाई फिर से की जाएगी।
2006 में हुई थी शादी
जानकारी के अनुसार यह घटना 3 फरवरी, 2006 को हुई थी, जब दुल्हन के माता-पिता ने उसे 60 सोने के सिक्के और दूल्हे को 10 सोने के सिक्के भेंट किए थे। लेकिन दूल्हे ने और अधिक दहेज की मांग की और शादी के बाद अतिरिक्त 30 सोने के सिक्के मांगे। दूल्हे के पिता ने भी दुल्हन के माता-पिता पर 100 सोने के सिक्के न देने का आरोप लगाते हुए शादी समारोह से दुल्हन को बाहर ले जाने का प्रयास किया था। इससे परेशान होकर दुल्हन ने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था।
सैदापेट कोर्ट ने ठहराया था दोषी
तमिलनाडु की सैदापेट की ट्रायल कोर्ट ने दूल्हे को दोषी ठहराते हुए उसे तीन साल की सजा और 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। मद्रास हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया, लेकिन सजा को घटाकर दो साल कर दिया। दूल्हे ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, और उसे जेल में तीन महीने बिताने के बाद जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला 19 साल तक खिंच गया और अब दोनों ही अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं।