अनियमितता, भ्रष्टाचार जैसे 20 मुद्दों पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। सर छोटूराम के एक शिक्षक की टिप्पणी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भड़क गए। वीसी ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी। आरआरएफ ने छात्रों पर लाठी फटकार खदेड़ दिया। इस दौरान तीन छात्र घायल हो गए। एक छात्र की नाक से खून बह रहा था। देर शाम तक चली वार्ता में छात्रों की अधिकांश मांगें विवि ने मान लीं।
36वें दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले एबीवीपी ने कैंपस में हल्ला बोला। सुबह दस बजे मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद सहित 14 जिलों के कार्यकर्ता सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे। उसके बाद छात्र पैदल मार्च करते हुए कुलपति कार्यालय पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान एबीवीपी छात्रों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख पुलिस बल भी तैनात किया गया। चार घंटे बाद भी जब कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला छात्रों ने नहीं मिली तो उन्होंने वीसी ऑफिस में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किसी तरह रोका। इस दौरान खूब धक्का-मुक्की हुई। हंगामा बढ़ता देख वीसी छात्रों से मिलने पहुंचीं।
चार कदम चलने में चार घंटे क्यों लगे
जब कुलपति धरनास्थल पर पहुंचीं तो छात्र भड़क गए। उन्होंने कहा कि हम लोग चार घंटे से धरना दे रहे हैं, लेकिन आपको चार कदम चलने में चार घंटे क्यों लग गए। वीसी ने छात्रों को किसी तरह समझाकर शांत किया। इसी दौरान सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक की टिप्पणी से बात बिगड़ गई। कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे तो कुलपति अंदर चली गईं। इससे छात्र भड़क गए और चैनल तोड़ने की कोशिश करने लगे।
आरआरएफ ने छात्रों को रोकने की कोशिश की, लेकिन एक कार्यकर्ता ने आरआरएफ कर्मी से हाथापाई कर डाली। इसके बाद बाकी कार्यकर्ता भी भड़क गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। छात्रों ने गमले उठाकर फेंक दिए। एसी और कुलपति की कार को भी निशाना बनाया गया। स्थिति नियंत्रित करने को आरआरएफ ने लाठियां फटकार दीं। इससे भगदड़ मच गई। गुस्साए छात्र फिर से कुलपति दफ्तर पर धरना देकर बैठ गए।
ये मांगें मानीं
छह घंटे हंगामे के बाद विवि ने एबीवीपी की मांगों को मान लिया। विवि ने दीक्षांत समारोह के बाद सभी बिंदुओं पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। विवि ने तत्काल प्रभाव से कॉलेजों में स्नातक की 33 फीसदी सीटें बढ़ा दीं। विवि ने डीएसडब्ल्यू, चीफ प्रॉक्टर और भवन समिति सहित अन्य सभी समितियों को भंग करते हुए 14 सितंबर तक पुनर्गठन करने का वायदा किया है। इन समितियों में चुनिंदा प्रोफेसर अर्से से बने हैं। विवि ने राजभवन एवं शासन के साथ हुई बैठकों में हुए खर्च की संपूर्ण जानकारी जल्द उपलब्ध कराने, विवि कॉलेजों की आपत्तियों पर फिर से जांच कराकर कार्रवाई करने, कैंपस में नियमित एवं सेल्फ फाइनेंस कोर्स के छात्रों की हॉस्टल फीस को समान करने के प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया। विवि ने अंग्रेजी विषय में मेडल पर विवाद के बाद इसे स्थगित कर दिया है। मामले की जांच के बाद अगले समारोह में इस पर निर्णय होगा।