मेरठ: कोर्ट ने याकूब और उनके बेटे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की

मेरठ में अवैध मीट कारोबार के आरोप में न्यायालय जिला जज रजत सिंह जैन ने डायरेक्टर याकूब कुरैशी और उनके पुत्र फिरोज के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। याकूब कुरैशी की पत्नी शमजिदा को दो लाख रुपये के दो जमानतियों के आधार पर छोडे़ जाने के आदेश दिए हैं। वहीं, आरोपी इमरान याकूब के जमानत प्रार्थना पत्र सुनवाई के लिए 30 मई की तिथि नियत की है।

डीजीसी फौजदारी ब्रजभूषण गर्ग ने बताया कि चारों आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय जिला जज के यहां प्रस्तुत किया गया था। सोमवार को बहस के दौरान आरोपियों के अधिवक्ता अनिल कुमार बख्शी ने इमरान की ओर से कुछ साक्ष्य जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में दिए जाने की प्रार्थना न्यायालय से की। न्यायालय जिला जज रजत सिंह जैन ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद देर शाम यह आदेश दिए। 

खरखौदा थाने की पुलिस ने 31 मार्च 2022 को अल्लीपुर जिजमाना, ढिकौली हापुड़ रोड स्थित अल फहीम मिटेक्स प्रा. लि. में मीट पैकेजिंग एवं प्रोसेसिंग का अवैध कारोबार की सूचना पर छापेमारी की थी।  मौके पर कार्य करते हुए 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी शमजिदा बेगम, बेटे फिरोज और इमरान के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया था। 

न्यायालय ने यह कहा… 
जिला जज रजत सिंह जैन ने कहा कि भारत वंश में पत्नी के नाम स्वयं कारोबार करना अस्वाभाविक नहीं है और इस मामले में अभियुक्त याकूब कुरैशी प्रभावशाली व्यक्ति हैं। सांसद व मंत्री भी रह चुके हैं, तो ऐसी दशा में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर भले ही वह कंपनी के निदेशक मंडल में न हों, लेकिन कंपनी का वास्तविक संचालन उन्हीं के द्वारा किया जाना प्रथम दृष्टया प्रकट होता है।

कंपनी के वास्तविक संचालक पुत्र मोहम्मद फिरोज कुरैशी व इमरान कुरैशी हैं। याकूब कुरैशी की पत्नी शमजिदा बेगम कंपनी की अंशधारक अवश्य हैं, लेकिन अभी तक की गई विवेचना में ऐसा कोई साक्ष्य प्रकट नहीं हुआ है कि एक अप्रैल 2019 के बाद से वह कारखाने में आती-जाती हों अथवा कंपनी संचालन में सहयोग करती हों।

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