महबूबा मुफ्ती ने घाटी के युवाओं से कहा- हथियार छोड़ करें बात, वरना मौत के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से विशेष दर्जे की मांग उठाई है. इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से हथियार छोड़ने की और बात करने की अपील भी की है. महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हम अपने राष्ट्र से हमें वह वापस देने के लिए कहते हैं जो हमसे छीन लिया गया था.” उन्होंने कहा, “यदि आप जम्मू-कश्मीर के लोगों को चाहते हैं, तो आपको हमारे सम्मान को बहाल करना होगा. कोई अन्य रास्ता नहीं है.”

मुफ्ती ने कहा, “मैं अपने देश से यही कहती हूं. मेरे कहने पर बीजेपी को गुस्सा क्यों आता है? क्या मैं ये पाकिस्तान से पूछूंगी?” जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के आतंकवादियों से मुख्यधारा में शामिल होने और अपने हथियार छोड़ने की अपील कर सकते हैं, अगर बोरो (बोडो) के साथ बातचीत होती है, तो जम्मू-कश्मीर में भी ऐसा करने में क्या मुश्किल है?” मुफ्ती ने पूछा कि जेल के अलावा कोई विकल्प क्यों नहीं है? यह अन्याय कब तक जारी रहेगा?

पीडीपी प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से कहा कि हथियारों की भाषा कोई नहीं समझेगा. यदि आप शांति से अपने विचार प्रस्तुत करते हैं, तो दुनिया आपकी बात सुनेगी. यदि आप बंदूकों की भाषा बोलते हैं तो आप मारे जाएंगे और आपको कुछ नहीं मिलेगा. मुफ्ती ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से हथियार छोड़ने और बात करने की अपील करती हूं. उन्हें एक दिन सुनना होगा.

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ केंद्र के हमलों का मिलकर मुकाबला करना होगा.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेते हुए उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. केंद्र ने इस फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर के तमाम नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया था.

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