कथित धर्मनिरपेक्षों की करतूतें !

हरियाणा के डबवाली शहर का समाचार है कि वहां के भीमराव अम्बेडकर कॉलेज की दीवार पर खालिस्तान समर्थक नारों के साथ ही ब्राह्मणों हरियाणा छोड़ो जैसे भड़काऊ नारे लिखे मिले हैं। गौरतलब है कि लगभग एक सप्ताह पहले दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर की दीवारों पर ब्राह्मण- बनियों भारत छोड़ो जैसे उत्तेजक नारे लिखे मिले थे।

यह वही जे.एन.यू है जहां आतंकवादी को फांसी दिये जाने पर ‘हम शर्मिन्दा है, तेरे कातिल जिन्दा हैं’ और ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्ला इंशा अल्ला’ जैसे नारे लगाने वालों की पीठ थपथपाने की परम्परा है।

दुर्भाग्य से जिस जहरीली मानसिकता के लोगों ने घोर साम्प्रदायिक आधार पर भारत का विभाजन कराया, उनके अनुयाइयों का एक संगठित समूह सेक्युलरवाद, समानता व लोकतंत्र जैसे शब्दों का नकाब ओढ़ कर समाज में साम्प्रदायिकता, जातिवाद और विघटनकारी माहौल बनाने में जी-जान से लगे हैं। इस समूह में पत्रकार, पूर्व नौकर शाह, पूर्व न्यायिक अधिकारी, प्रोफेसर्स, प्रगतिशीलता का लबादा पहने सोशल एक्टीविस्ट आदि शामिल हैं।

यह समूह अपनी साजिश के तहत सामाजिक समरसता के नारे लगाता लगाता उसमें पलीता लगाने में जुटा रहता है। अभी अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता डेन प्राइस ने कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और आस्थाओं की महान् विविधताओं का घर है। यह समूह विश्व में बनी भारत की इस छवि को नष्ट करने में जुटा है।

भारत की संस्कृति और लोकतंत्र की इस अवधारणा को बनाये रखना आज की सबसे बड़ी चुनौती है जिसका साहस से सामना करना ही एकमात्र विकल्प है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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