मोदी सरकार ने किसानों के हित में ही बनाए कृषि कानून: तोमर

सहारनपुर। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं के बीच से बिचोलियों को हटाने के लिए नये तीन कृषि कानून बनाए हैं,जो उनके हित में हैं।

तोमर आज यहां किसान संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहाकि बड़े किसान नेता शरद जोशी, चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तक कर बिचैलियों को हटाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून संबंधी विधेयक आने पर भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उन का स्वागत किया था। लेकिन विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराजगी के कारण इन कानूनों का राजनीतिक आधार पर अब इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जबकि किसानों को इन कानूनों से फायदा होने वाला है और मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर देश के अन्य किसानाें इन कृषि कानूनों को लाभ हो और वे इन्हें अपने हित में मानते हैं और इसके पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को खुश करने के लिए सरकार इन कानूनों को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेगी। भाजपा के बड़े किसान नेता

सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने सहारनपुर जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों बेहट, सहारनपुर देहात, नकुड और गंगोह में किसान संवाद कार्यक्रमों के तहत किसानों से उनकी समस्याएं जानी और किसानों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल राजनीति के कारण इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

तोमर ने कहा कि उन्होंने स्वयं राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन विपक्षी दलों ने हो-हल्ला मचाया और हंगामा कर बहस करने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि पर एक लाख तीस हजार करोड़ रूपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने पांच साल में जितनी धनराशि बजट में निर्धारित की थी मोदी सरकार ने उससे भी ज्यादा धनराशि एक ही वर्ष में बजट में रखने का काम किया।

उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर किसानों को अपनी उपज को भंडारण करने की सुविधा मिलेगी और प्रोसेसिंग संयंत्र लगाए जाएंगे जिसका पूरा खर्च नाबार्ड उठाएगा। उन्होंने कहा कि यदि उपभोक्ता जो उत्पाद सौ रूपए का मिल रहा है उसमें किसान को केवल 23 रूपए ही मिलते हैं और 77 रूपए बिचोलियों की जेब में जा रहे हैं। आलू चार रूपए किलो और उसके बने चिप्स का भाव 200 रूपए है।

तोमर ने कहा कि किसान कृषि में सुधार देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान वर्ष 2013-14 में 336 करोड़ रूपए की गेहूं खरीद की गई जबकि मोदी सरकार के दौरान 85 हजार 700 करोड़ रूपए की गेहूं खरीद की गई। यूपीए सरकार ने एक साल में एक लाख 61 हजार का धान खरीदा गया जबकि भाजपा सरकार में 600 करोड़ रूपए का धान खरीदा। यूपीए सरकार में दलहन की खरीद 600 करोड़ की हुई जबकि हमारी सरकार में 61 हजार करोड़ रूपए की हुई। यूपीए सरकार में तिलहन की सरकारी खरीद 1400 करोड़ रूपए की हुई मौजूदा सरकार के समय साढ़े 27 हजार करोड़ रूपए की तिलहन की सरकारी खरीद हुई।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में किसानों की आर्थिक स्थिति गिरकर मजदूरों से भी नीचे आ गई। इसलिए मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की जरूरत महसूस की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। बेहट विधानसभा क्षेत्र में किसान संवाद कार्यक्रम में पूर्व विधायक महावीर राणा, भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रांतीय महामंत्री ठाकुर अनिल सिंह, क्षेत्रिय मंत्री ओमपाल पांचाल, रजनीश राणा, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष बृजेंद्र राठी, रविंद्र पुंडीर, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डीके चौहान आदि साथ रहे। सहारनपुर में पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, भाजपा नेता, जिला पंचायताध्यक्ष प्रतिनिधि विजेंद्र चौधरी, अमित गगनेजा समेत अनेक नेताओं और पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने विजयपाल तोमर का स्वागत किया।

आज पत्रकारों को बताया कि इन संवाद कार्यक्रमों में किसानों ने गन्ना मूल्य बकाया के भुगतान की समस्या से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चीनी मिलें 85 फीसद गन्ना मूल्य का भुगतान कर चुकी हैं। सहारनपुर मंडल में बजाज चीनी मिल ग्रुप भुगतान करने में आनाकानी कर रहा है। सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है। किसानों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए कहा कि गांवों में विद्युत की आपूर्ति बढ़ी है और कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। महिलाओं में सुरक्षा का भाव पैदा हुआ है। अपराधों और गुंडागर्दी पर अंकुश लगा है।

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