चीन पर मोदी सरकार की नकेल, एलआईसी-आईपीओ में चीनी निवेशकों की नो-एंट्री!

लाइफ इंश्‍योरेंस कॉरपोरेशन में चीनी निवेशकों को शेयर खरीदने से भारत सरकार रोकना चाहती है. अगले कुछ महीनों में एलआईसी का आईपीओ आने वाला है. केंद्र सरकार आईपीओ में विदेशी निवेशों को अनुमति देने पर विचार कर रही है. हालांकि, इसके शेयर खरीदने से चीन के निवेशकों को रोकना चाहती है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने 4 वरिष्‍ठ सरकारी अफसरों और एक बैंकर के हवाले से यह सूचना दी है. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बाद उपजे तनाव को यह घटनाक्रम दिखाता है.

आपको बता दें कि एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है और इसकी हिस्‍सेदारी 500 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति के साथ भारत के लाइफ इंश्‍योरेंस मार्केट के 60 प्रतिशत से अधिक हिस्‍से में है. LIC के आईपीओ की संभावित साइज 12.2 अरब डॉलर है और अब तक का यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. इस आईपीओ में सरकार विदेशी निवेशकों को निवेश की मंजूरी देने की योजना बना रही है.

हालांकि, भारत ने चीन के निवेशकों पर निगाहें टेढ़ी कर ली हैं और उनके निवेशों को रोकने पर विचार कर रही है. सरकार के एक अफसर ने बताया कि बार्डर पर संघर्ष के बाद चीन के साथ भारत के हालात बदल गए हैं. दोनों देशों के बीच विश्‍वास में कमी आई है. इन सबके बीच चीन के साथ पहले की तरह व्यापार नहीं हो सकता है. साथ ही एलआईसी जैसी कंपनी में चीनी निवेश खतरा बढ़ा सकता है.

गौरतलब है कि पिछले साल भारत और चीन की सेना के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद भारत-चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद से ही कुछ संवेदनशील सेक्टर में भारत ने चीनी निवेशों को सीमित करने के कई बड़े कदम उठाए थे. इनमें कई चीनी मोबाइल एप पर बैन और चीनी सामानों के आयात पर अतिरिक्त जांच जैसे कदम शामिल हैं. 

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