नौ दिन के बच्चे को मां ने सौ रुपये में बेच दिया, रही मां की मजबूरी

टाटानगर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में बुधवार को एक मां ने महज सौ रुपये में अपने नौ दिन के बच्चे को बेच दिया। बच्चे को फुटपाथ पर रहने वाले एक व्यक्ति ने खरीदा था, जिसे जब लोगों ने पकड़ लिया तो वह बच्चे को वहीं छोड़कर फरार हो गया। महिला और नवजात को चाइल्ड केयर सेंटर सहयोग विलेज सोनारी ले जाया गया। एकरारनामा पर हस्ताक्षर करने के बाद नवजात को रख लिया गया, जबकि उसकी मां को उसकी इच्छा के अनुसार उसके घर पश्चिमी सिंहभूम रवाना कर दिया गया। 

दो बच्चों की मां है, देवर से था अवैध संबंध : चाइल्ड केयर सेंटर को महिला ने बताया कि वह पश्चिमी सिंहभूम जिले की निवासी है। उसके पति की डेढ़ साल पहले मौत हो गयी है। उसके दो बच्चे हैं, जो गांव में रहते हैं। पति की मौत के उसका अवैध संबंध उसके देवर से था, जिससे यह बच्चा जन्मा है। 

गर्भवती होने पर गांव छोड़ा : महिला ने बताया कि देवर से अवैध संबंध पर गर्भवती होने के बाद कुछ दिनों पहले उसने घर छोड़ा और वह चाईबासा चली गयी। वहां किसी तरह इधर-उधर रही और उसके बाद डेढ़ महीने पहले ही जमशेदपुर आकर सुन्दरनगर के एक होटल में काम करने लगी। होटल में काम छोड़कर वह 15 दिन पहले टाटानग स्टेशन आ गयी और यहां भीख मांगकर अपना गुजारा करने लगी। उसने रेलवे पटरी पर नौ दिन पहले बच्चे को जन्म दिया। प्रसव कराने में एक भीख मांगने वाली महिला ने ही उसकी मदद की। 

नवजात को छोड़कर लौटना चाहती थी : महिला अपने नवजात को यहीं छोड़कर टोंटो अपने घर वापस जाना चाहती थी, इसलिए उसने एक व्यक्ति जो स्टेशन में ही फुटपाथ पर सोता था और भीख मांगता था, उसे सौ रुपये में दे दिया। उससे जब सवाल किया गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसका कहना था कि बच्चे को कौन पालता, क्या खिलाती उसे, गांव जाती तो बहुत बुरा होता। 

बच्चे को ले जाते वक्त पकड़ा : टाटानगर रेलवे स्टेशन से जुगसलाई जाने वाले रास्ते में काली मंदिर के पास रेलवे का काम चल रहा है। यहीं नरेन्द्र सिंह नामक ठेकेदार काम करा रहे थे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति बच्चे को लेकर दौड़ता हुआ जा रहा है और उसके पीछे दो महिलाएं दौड़ रही हैं। उसने अपने मजदूरों के साथ मिलकर उन्हें रोका तो महिलाओं ने बताया कि बच्चा इस महिला का है, जिसे लेकर कालिंदी जा रहा है। 

बच्चे को सौंपकर खरीदार फरार : बच्चे को कालिंदी से लेकर नरेन्द्र सिंह ने महिला को सौंप दिया। वह महिला से बच्चे की कहानी जान ही रहे थे कि कालिंदी वहां से भाग गया। तब तक वहां पुलिस टीम दरोगा जीतेंद्र कुमार पेट्रोलिंग टीम के साथ पहुंची। महिला को लेकर वे लोग जुगसलाई थाना ले गए, जहां से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को इसकी सूचना दी। जब बच्चे को दे दिया था तो दोबारा वे कालिंदी के पीछे क्यों जा रहे थी, यह पूछने पर नवजात की मां के साथ आयी दूसरी महिला ने बताया कि उसने उस बच्चे का जन्म कराया था और तब इसने वादा किया था कि वह इस बच्चे को उसे दे देगी। लेकिन, कालिंदी ने चकमा देकर सौ में बच्चे को खरीद लिया। इसीलिए वह कालिंदी के पीछे बच्चा लेने के लिए भाग रही थी।

जांच के लिए सुन्दरनगर गयी टीम : जुगसलाई थाने में नवजात के होने की सूचना मिलने पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बच्चे और उसकी मां को लेकर पहले रेलवे चाइल्ड लाइन पहुंची, जहां केंद्र समन्वयक एम अरविंदा ने बच्चे के बारे में पता किया। मां ने बताया कि वह पहले सुन्दरनगर के एक होटल में काम करती थी। चाइल्ड लाइन की टीम जब वहां गयी तो पता चला कि डेढ महीने पहले ही यह महिला उस होटल में आयी थी। महिला गर्भवती थी और वह घर छोड़कर आयी थी। कुछ दिन पहले ही वह काम छोड़कर चली गयी थी। इससे चाइल्ड लाइन को पुष्टि हुई कि बच्चा उसी महिला का है। उसके बाद उसे लेकर वे लोग सहयोग विलेज सोनारी गए। वहां चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य आलोक भाष्कर व अन्य लोग आए। 

महिला ने कहा, बच्चे को रखना नहीं चाहती : महिला ने कमेटी के सामने कहा कि वह बच्चे को रखना नहीं चाहती है। लिहाजा, एक एकरारनामा तैयार कर बच्चे को सहयोग विलेज में रख लिया गया और उसकी मां को पैसे देकर चक्रधरपुर जाने वाली बस से रवाना कर दिया गया। 

महिला को दोबारा बुलाएगी सीडब्लूसी : इस मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य अधिवक्ता आलोक भास्कर ने कहा कि पहले बच्चे को बचाना उनके लिए जरूरी है। यदि मां को वे लोग बच्चे को सौंपते तो वह उसे दोबारा कहीं ले जाकर बेच देती या फेंक देती। क्योंकि उस बच्चे अव अपने पास रखना ही नहीं चाहती थी। बच्चे के स्वस्थ हो जाने के बाद वे लोग दोबारा पुलिस की मदद से बच्चे की मां को टोंटो से बुलायेंगे और उससे जानकारी हासिल करेंगे। 

दावेदार के लिए नोटिस जारी करेगी : आलोक भास्कर ने बताया कि बच्चे की मां बहुत ही कम बोल रही थी। उसका देवर से अवैध संबंध था और यह उसकी ही संतान है। अब वे लोग बच्चे को रखकर नियमानुसार उसके दावेदार के बारे में सूचना जारी करेंगे। यदि उसकी मां या कोई और ऐसा आता है जो बच्चे पर अपना दावा जताता है तो वे उसपर कानूनी पहलू अख्तियार करेंगे, अन्यथा बच्चे के एडॉप्शन पर निर्णय लेंगे। 

बच्चे को रखना नहीं चाहती थी : रेलवे चाइल्ड लाइन की समन्वयक एम अरविंदा ने बताया बच्चे कि मां किसी भी स्थिति में उसे अपने पास रखना नहीं चाहती थी। थोड़ा भी मोह उसे अपने बच्चे के प्रति नहीं था। वह किसी तरह बच्चे को सौंपकर जाना चाहती थी, लिहाजा उसका विवरण लेकर उसे भेज दिया गया।

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