मप्र: कमलनाथ के गढ़ में भगवा फहराने के लिए शाह ने बनाई यह रणनीति

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी चुनावी मोड में आ गई हैं। विधानसभा चुनाव 2023 और मिशन 2024 को देखते हुए पार्टी ने काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा ऐसी सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा है। ऐसी ही एक सीट में से एक छिंदवाड़ा। यह सीट प्रदेश की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है। जिसे 1952 के बाद से एक उपचुनाव को छोड़ दें तो बीजेपी को कभी यहां जीत नहीं मिली। कांग्रेस की यह सीट अभेद किले की तरह है। कमलनाथ के इस अभेद किले में सेंधमारी करने के लिए भाजपा के रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को छिंदवाड़ा पहुंच रहे है।  कमल नाथ के प्रतिनिधित्व वाले इस क्षेत्र में सातों विधायक और सांसद कांग्रेस से हैं। यही नहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष और महापौर भी कांग्रेस से ही हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री 25 मार्च को जब छिंदवाड़ा दौरे पर रहेंगे तो उनका पूरा फोकस आदिवासी वोट बैंक पर होगा। शाह शहर के पुलिस परेड ग्राउंड में सभा करेंगे और अमरवाड़ा ब्लॉक में स्थित आंचल कुंड दादाजी दरबार भी जाएंगे। शाह पहले स्वतंत्रता सेनानी बादल भोई की जन्म स्थली डुंगरिया तितरा जाने वाले थे। लेकिन कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। माना जा रहा है कि आंचल कुंड को इसलिए चुना गया है। क्योंकि ये आदिवासी बहुल अमरवाड़ा ब्लाक में स्थित है और दादाजी का दरबार आदिवासी समुदाय में अपार श्रद्धा का केंद्र है। दादा जी दरबार का भक्तों के बीच वही स्थान है, जो खंडवा के धूनी वाले दादा जी दरबार का है। ऐसे में आदिवासियों और हिंदुओं के बीच समान रूप से आस्था के केंद्र दादाजी के दरबार में गृह मंत्री की हाजिरी बड़े वर्ग में संदेश देने का काम भी करेगी।

अमर उजाला से चर्चा में प्रभारी मंत्री ने कमल पटेल कहते है कि, छिंदवाड़ा जिले में पार्टी का जनाधार बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा से जोड़ने के लिए अमित शाह एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगे। आने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की सभी 7 विधानसभा सीटें और एक लोकसभा सीट पर भाजपा चुनाव में जीत हासिल कर सके इसके लिए पार्टी प्रयास कर रही है।

इसलिए है छिंदवाड़ा पर भाजपा की नजर
छिंदवाड़ा व आसपास के क्षेत्रों में 8 लाख से अधिक आदिवासी वोटर हैं जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही है। छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा, जुन्नारदेव और पांढुर्णा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में अमित शाह का दौरा बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में प्रदेश के आदिवासी वोटों को साधने का प्रयास लगातार बीजेपी कर रही है। इसके पहले भी अमित शाह जबलपुर में शंकर शाह रघुनाथ शाह के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहीं कुछ दिन पहले ही सतना में कोल आदिवासी समाज को साधने की दृष्टि से शबरी जयंती के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश दौरे पर आए थे।

2019 के बाद से कम हो रहा है मार्जिन
2014 में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने चंद्रभान सिंह को 1,16,537 वोटों से हराया था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का यह मार्जिन 37,536 था। इस चुनाव में बीजेपी ने काफी हद तक अपनी हार के अंतर को कम कर दिया था। इस कम अंतर के बाद से ही भाजपा आस बंधी हैं वह छिंदवाड़ा में जीत का परचम लहरा सकती है। 2019 में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने भाजपा के आदिवासी नेता नाथन शाह को 37,536 वोटों से हराया था। यह स्थिति तब थी,जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इस गणित के चलते बीजेपी नेतृत्व को उम्मीद है कि इस बार पहले से कोशिश करें तो 2024 में सफलता मिल सकती है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के जिम्मे है यह सीट
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, पिछले साल  सितंबर को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक मीटिंग हुई थी। इसमें  पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी 104 लोकसभा सीटों का एनालिसिस किया था। जो 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए कठिन मानी जा रही हैं। इसमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट भी है। छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी अगस्त 2022 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दी गई थी। बाद में गिरिराज सिंह ने एक विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान को सौंपीथी। इसके बाद पार्टी ने लोकसभा प्रवास योजना फेज 2  तैयार की। 

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