मुस्लिम लड़की को निकाह के लिए बालिग होना जरूरी नहीं : हाईकोर्ट

पंजाब ए‌वं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को एक फैसला सुनाते हुए एक नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी को जायज ठहराया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शादी के लिए लड़की का बालिग होना जरूरी नहीं है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक मुस्लिम दंपती की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

दरअसल, पंजाब के मोहाली में रहने वाले 36 साल से युवक ने 17 साल की नाबालिग लड़की से निकाह किया था। दोनों एक दूसरे प्यार करते थे। इसके बाद दोनों ने अपनी मर्जी से साथ रहने का फैसला लिया। लेकिन, प्रेमी जोड़े के इस फैसले से उनके नाराज हैं। इस वजह से उन्होंने निकाह के बाद हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की है। कोर्ट में लगाई याचिका में दंपती ने ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम रीति रिवाजों से परिवार के खिलाफ जाकर निकाह किया है। इस शादी से दोनों के परिवार वाले नाराज हैं। इससे दोनों को अपने परिवार वालों से खतरा है। इधर, लड़की के घरवालों का कहना है कि लड़की बालिग नहीं है, ऐसे में लड़की को उन्हें सौंप दिया जाए।

दंपती ने बताया कि उन्होंने जनवरी में निकाह किया था। सुरक्षा के लिए उन्होंने मोहाली SP को गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया। मजबूरन उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की।

हाईकोर्ट ने कहा कि शादी के लिए लड़की का बालिग होना जरूरी नहीं है। यदि लड़की युवा हो चुकी है तो उसे अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है। वह खुद यह तय कर सकती है कि उसे अपना जीवन किस के साथ बिताना है। हाईकोर्ट ने मोहाली के SSP को प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।

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