वक्फ संशोधन बिल से न घबराएं मुसलमान: मौलाना शहाबुद्दीन

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि संसद में वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इस पर बड़ी गहमागहमी हो रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से आम मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है और न ही मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों को भी कोई खतरा है। इसलिए जो लोग डरा रहे हैं, उनके झांसे में न आएं।

मौलाना ने कहा कि इस बिल से खतरा उन लोगों को है, जिन लोगों ने हमारे बुजुर्गों द्वारा दान की गई जमीन व जायदाद पर नाजायज कब्जा कर रखा है। खतरा उन लोगों को है जो वक्फ की जमीनों को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं। खतरा वक्फ भू माफिया को है। जिससे आम मुसलमान भी आहत और परेशान हैं। 

शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि वक्फ के रखरखाव के नाम पर गठित वक्फ बोर्डों के अध्यक्ष, सदस्यों और संबंधित अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। ये लोग मनमाने तरीके से वक्फ की जमीनों को भू माफिया के हाथ बेचने का काम करते हैं। वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारों ने करोड़ों रुपये की जमीनों को रेवड़ियों के भाव बेच दिया। इस बिल के जाने के बाद भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। 

मौलाना बोले- लागू किया जाए विधेयक 
मौलाना ने आगे कहा कि हमारे बुजुर्गों ने अपनी जमीनों जायदाद इसलिए वक्फ (दान) की थी ताकि उससे होने वाली आमदनी गरीब और कमजोर मुसलमानों की मदद के लिए खर्च की जाएगी। मगर ये सब कुछ नहीं हुआ, बल्कि उल्टे वक्फ बोर्ड ने भू माफिया से मिलकर वक्फ की जमीनों को बेच डाला। इसलिए वक्फ संशोधन बिल का पास होना जरूरी है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल को जल्द से जल्द पास कराया जाए और उसको लागू किया जाए। बुजुर्गों ने जिस मकसद के लिए जमीनों को वक्फ किया था उस मकसद में काम किया जाए।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि लोग विरोध कर रहे हैं उसकी वजह ये है कि उन्होंने वक्फ की जमीनों पर अपनी आलीशान इमारतें बना रखी हैं। उससे होने वाली आमदनी खुद पर खर्च करते हैं। उस पर एक रुपया भी गरीब मुसलमानों पर खर्च नहीं किया जाता है। इसलिए चंद लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं।

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