मुजफ्फरनगर: मिलावटी मावा सप्लाई में 1 वर्ष कैद की सजा

मुजफ्फरनगर में मिलावटी मावा सप्लाई के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोषी काे एक वर्ष कैद की सजा सुनाई है। दोषी पर कोर्ट ने 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। खाद्य निरीक्षक ने जांच के लिए अब से 32 साल पहले मावा व्यापारी से सैंपल लिया था।

मावे में 20 प्रतिशत से भी कम था मिल्क फैट

अभियोजन अधिकारी रामअवतार सिंह ने बताया कि 19 दिसंबर 1990 को खाद्य निरीक्षक एनसी सक्सैना ने मावा बिक्री के लिए जा रहे चोनू उर्फ इरफान पुत्र अकबर निवासी कुटेसरा थाना चरथावल को शामली बस स्टैंड के समीप उपकार बस सर्विक के पास रोक लिया था। उन्होंने बताया कि उसके उपरांत खाद्य निरीक्षक ने चोनू इरफान से मावा का 750 ग्राम सैंपल लेकर जन विश्लेषक प्रयोगशाला जांच के लिए भेज दिया था। उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला से लिये गए सैंपल की रिपोर्ट दो माह बाद प्राप्त हुई थी। जिसमें जिसमें लिये गए मावे के सैंपल में मिल्क फैट की मात्रा निर्धारित न्यूनतम सीमा 20 प्रतिशत से कम पाई गई थी। जिसके बाद आरोपी मावा व्यापारी के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया गया था। अभियोजन अधिकारी रामअवतार सिंह ने बताया कि 5 जनवरी 1999 को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एसीजेएम जेपी पांडेय ने इस मामले में आरोप तय कर दिये थे।

एसीजेएम प्रथम प्रशांत कुमार ने की सुनवाई

अभियोजन अधिकारी रामअवतार सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई एसीजेएम प्रथम प्रशांत कुमार ने की। उन्होंने बताया कि पेश सुबूत पर गौर कर और दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी चौनू उर्फ इरफान को मिलावट का दोषी माना। बताया कि कोर्ट ने दोषी को एक वर्ष कैद की सजा सुनाई। बताया कि उस पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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