मुजफ्फरनगर: पुलिस ने पायल माहेश्वरी की शुरू की तलाश

मुजफ्फरनगर। गैंगस्टर संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। पुलिस ने 21 मई 2021 को नई मंडी कोतवाली में दर्ज मुकदमे में पायल माहेश्वरी सहित फरार तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी शुरू की हैं।

नई मंडी संजय मार्ग पटेल नगर निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता ने 21 मई 2021 को नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि लक्ष्मण विहार नई मंडी निवासी सुनील गोयल से उनके डेयरी प्लांट का सौदा वर्ष 2018 में चार करोड़ एक लाख में हुआ था। 11 जुलाई 2018 से डेयरी का संचालन किया। उसमें पटेल नगर निवासी सचिन अग्रवाल को साझेदार रखा। सचिन अग्रवाल ने कोई भुगतान न कर आधी साझेदारी का दबाव बनाया।

नौ फरवरी 2019 को सचिन, अमित गोयल उर्फ अमित बौना व अमित माहेश्वरी घर आए। संजीव जीवा के नाम की धमकी दी। उनकी पत्नी के फोन करने पर पुलिस आई तो आरोपी फरार हो गए। बाद में मामला सुलझाने के नाम पर बुलाकर प्रवीण मित्तल पीटर के घर उसे बंधक बनाकर पीटा गया। हत्या की धमकी देकर 13 लाख देने को कहा। बाद में धमकी देकर उससे कूकड़ा स्थित 153 गज का प्लाट अमित माहेश्वरी की पत्नी अनुराधा के नाम बैनामा करा लिया। एक दुकान के कागजातों पर पीटर ने हस्ताक्षर करा लिए। क्रेटा गाडी की डाउन पेंमेंट के एवज में 4 लाख 46 हजार रुपये खाते में जमा करा लिए।

इस मुकदमे की जांच सहारनपुर क्राइम ब्रांच ने की और चार्जशीट लगाई। इसके आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में पटेल नगर नई मंडी निवासी सचिन अग्रवाल, शहर कोतवाली के मोहल्ला पंचमुखी निवासी प्रवीण मित्तल उर्फ पीटर, नई मंडी निवासी अमित माहेश्वरी, नई मंडी निवासी शुभम बंसल पकडे़ गए जबकि नई मंडी निवासी शैंकी मित्तल ने कोर्ट में सरेंडर किया। नई मंडी निवासी अनुराधा माहेश्वरी पत्नी अमित माहेश्वरी, नई मंडी निवासी पायल माहेश्वरी और नई मंडी निवासी अमित गोयल उर्फ अमित बौना अभी फरार हैं।

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