नवजोत सिंह सिद्धू की गुमशुदगी !

पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरुद्ध फिर बगावत का झंडा उठाकर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने हलचल पैदा की हुई है। वैसे सिद्धू साहब हलचल पैदा करने और चर्चा में रहने के अभ्यस्त हैं। पाकिस्तान पहुंचकर इमरान खान और उनकी फौजी जनरल से गले मिलकर जो उटपटांग वक्तव्य दिया उससे भारत सरकार से ज्यादा कांग्रेस हाईकमान को परेशानी हुई।

चर्चा में बने रहने के लिए सिद्धू साहब ने क्या-क्या किया इसके विस्तार में जाने की जरूरत नहीं है। फिलहाल वे फिर चर्चा में आए हैं अपने मतदाताओं की वजह से। सिद्धू जी के अमृतसर चुनाव क्षेत्र रसूलपुर कल्लर ग्राम के निवासियों ने नवजोत सिंह सिद्धू की गुमशुदगी का इश्तहार दीवारों पर चिपकाया है। पोस्टर में एलान किया गया है कि सिद्धू का पता लगाने वाले को 50000 रूपये का ईनाम दिया जाएगा। ध्यान रहे अक्टूबर 2018 में जोड़ा रेलवे फाटक के पास दशहरा मेला में भीषण ट्रेन दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थीं। हादसे के बाद रसूलपुर कल्लर पहुंचकर सिद्धू ने उन बच्चों को गोद लेकर उनके जीवनयापन तथा पढ़ाई का खर्च खुद उठाने का ऐलान किया था जिन बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया था। दुर्घटना के बाद से एक धार्मिक समिति इन बच्चों की देखभाल कर रही थी। अपने वायदे के बाद सिद्धू साहब के कदम गांव में नहीं पड़े। बच्चों की परेशानियां बढ़ने के बाद समिति ने सिद्धू की गुमशुदगी के पोस्टर अमृतसर की दीवारों पर चिपकाये हैं।

सिद्धू की गुमशुदगी का यह पोस्टर क्या उन सभी नेताओं की जहनियत की ओर इशारा नहीं करता जो मतदाताओं के समक्ष बड़े-बड़े वायदे करके चुनाव जीत जाते हैं लेकिन फिर उन्हें भूल जाते हैं?

गोविंद वर्मा
संपादक देहात

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